कुल्लू:इस साल 28 अक्टूबर शनिवार की रात चंद्र ग्रहण लगेगा और इसी दिन शरद पूर्णिमा भी है. यह शरद पूर्णिमा माता लक्ष्मी को समर्पित है और चंद्र ग्रहण का असर भारत में भी दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण भारत में रात 1 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 2:56 पर समाप्त होगा. वहीं, शरद पूर्णिमा के दिन लग रहे चंद्र ग्रहण पर कई अद्भुत संयोग भी बना रहे हैं. जिससे इस दिन का काफी महत्व बढ़ गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लग रहा है. इस दिन चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे जहां पहले से ही गुरु ग्रह विराजमान है. इस तरह चंद्रमा और गुरु की युति से गज केसरी और बन रहा है. गज केसरी योग के साथ इस दिन रवि योग, बुध आदित्य योग, सुश योग और सिद्धि योग भी बन रहा है. ऐसे में इस चंद्र ग्रहण और शरद पूर्णिमा के एक साथ होने से इसका महत्व भी बढ़ जाता है.
आचार्य दीप कुमार का कहना है कि चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है. ऐसे में चंद्र ग्रहण के दिन दान पुण्य करने से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं और कुंडली में भी कई दोष का असर कम हो जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती है और घर-घर जाकर देखते हैं की शरद पूर्णिमा पर कौन-कौन जाग रहा है. इसी कारण से शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.