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लाहौल घाटी में फागली के बाद अब पूणा की धूम, चंद्रा घाटी में लोग मना रहे उत्सव

जिला लाहौल स्पीति के चंद्राघाटी की सिस्सू और कोकसर पंचायत में हालडा उत्सव के बाद देवता राजा घेपन, माता बोटी, देवता ड्राबला, सकर्च देवता, गुदुमचा आपा, माता पलदन लहमो, माता युडोनमा और घाटी के अन्य देवी देवताओं को समर्पित पूणा उत्सव का आगाज रोपसंग से शुरू हो गया है.

poona festival in lahaul spiti
लाहौल स्पीति में पूणा त्यौहार

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Published : Feb 28, 2020, 10:12 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 10:17 PM IST

कुल्लू: जिला लाहौल स्पीति के चंद्राघाटी की सिस्सू और कोकसर पंचायत में हालडा उत्सव के बाद देवता राजा घेपन, माता बोटी, देवता ड्राबला, सकर्च देवता, गुदुमचा आपा, माता पलदन लहमो, माता युडोनमा और घाटी के अन्य देवी देवताओं को समर्पित पूणा उत्सव का आगाज रोपसंग से शुरू हो गया है.

तेलिंग देवालय और सिस्सू में राजा घेपन के थान यंगलिग में जगदंग पूणा का आगाज लाहौल के अधिष्ठाता देवता राजा घेपन की कोर्तूम पूजा से शुरू हुआ. पोपुना के दिन राजा घेपन समेत इलाके के समस्त देवी-देवताओं का आह्वान ढोल, नगाड़ों व अन्य देव वाद्य यंत्रों को बजाकर किया गया. जिसके बाद घेपन मंदिर के कपाट खोले गए.

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खास बात यह है कि लामोई के दिन राजा घेपन गूर के माध्यम से पूरे साल की भविष्यवाणी भी करेंगे. देवता राजा घेपन के पुजारी शेर सिंह ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि सिर्फ इसी दिन तपस्या में लीन राजा घेपन अपने थान यंगलिंग से लमोई पूजा के लिए गांववालों के साथ एक दिन की देव यात्रा के लिए निकलते हैं.

गांव के लोग इस दिन का इंतजार वर्षभर करते हैं. इससे वे अपने देवता राजा घेपन और उनके जत्थे का आदर सत्कार कर सकेंगे. तेलिंग निवासी दोरजे अंगरूप ने कहा कि तेलिंग में पूणा उत्सव पांच दिनों तक चलेगा. इसमें घी से बने बकरे को देवताओं को समर्पित किया जाएगा. दो दिनों तक तीरंदाजी कार्यक्रम भी चलेगा. इसके बाद गांव-गांव में जाकर पुरुष स्वादिष्ट पकवानों का भी आनंद लेते हैं.

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Last Updated : Feb 28, 2020, 10:17 PM IST

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