कुल्लू: जिला कुल्लू में नमामि गंगे परियोजना की तरह देश की सभी मुख्य नदियों के बेसिन के जीर्णोद्धार, संरक्षण और संतुलित विकास के लिए डीपीआर तैयार की जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत ब्यास नदी के लिए भी अरबों रुपये की डीपीआर तैयार की जाएगी. इसके लिए हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान (एचएफआरआई) ने जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी है.
एचएफआरआई ने सोमवार को कुल्लू में वन्य प्राणी विंग में एक बैठक आयोजित की. यह बैठक वन अरण्यपाल अनिल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और नगर निकाय के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.
बैठक को संबोधित करते हुए अनिल शर्मा ने बताया कि व्यास नदी बेसिन की डीपीआर के लिए वन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. डीपीआर तैयार करने में सभी संबंधित विभागों के अलावा स्थानीय निकायों और स्थानीय निवासियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी. डीपीआर में पर्यावरण व जल संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण, पौधारोपण, कृषि-बागवानी, स्थानीय निवासियों की आजीविका और समग्र विकास के दूसरे सभी पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा.
डीपीआर के समन्वयक डॉ. विनीत जिश्टू ने बताया कि हिमाचल की पांचों मुख्य नदियों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए एचएफआरआई को नोडल एजेंसी बनाया गया है. इसमें वन विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा. व्यास बेसिन की डीपीआर के लिए सभी विभाग, स्थानीय निकाय और आम लोग अपने सुझाव जरूर दें.