कुल्लू:हिमाचल प्रदेश में जुलाई-अगस्त में आई बाढ़ के चलतेपर्यटन नगरी मनाली से कुल्लू तक ब्यास नदी ने कई जगहों पर अपना रुख मोड़ लिया है. वहीं, भारी मलबा आने के चलते आने वाले दिनों में भी ब्यास नदी से कई गांवों को खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में ब्यास नदी के तटीकरण को लेकर बीते दिनों जो रिपोर्ट केंद्रीय जल शक्ति विभाग को सौंप गई है, उस पर भी अब पेंच फंस गया हैं. केंद्रीय जल शक्ति विभाग द्वारा इस रिपोर्ट में कई कमियां दर्ज की गई हैं और इस कमियों को भी फिर से दुरुस्त करने के बारे में प्रदेश जल शक्ति विभाग को लिखा गया है. ऐसे में अब एक बार फिर से तटीकरण का मामला लटक गया है. अब हिमाचल प्रदेश जल शक्ति विभाग द्वारा फिर से ब्यास नदी के तटीकरण को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
1670 करोड़ ब्यास नदी के तटीकरण का बजट: इस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट सेंट्रल वॉटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन द्वारा तैयार की गई है. केंद्रीय विभाग द्वारा इस रिपोर्ट में कमियों को दूर करने के बारे में निर्देश जारी किए गए हैं. पिछले दो सालों से लटके प्रोजेक्ट की लागत पहले जहां ₹1200 करोड़ थी, जो अब ₹1670 करोड़ पहुंच गई है. चंडीगढ़ केंद्र वाटर कमीशन के कार्यालय में लटके इस मामले की फाइल को जुलाई और अगस्त माह में ब्यास नदी में तबाही के बाद विभाग ने बजट मंजूरी के लिए भेजी है, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने हाइड्रोलॉजिकल स्तर पर कुछ कमियां पाई. क्योंकि इस बार आई बाढ़ में ब्यास नदी ने अपना रास्ता बदला है और जमीन के अंदर पानी का स्तर कितना हुआ है, उसकी जानकारी भी अब नई रिपोर्ट में दर्ज करनी होगी.