कुल्लू: सेब की रिकॉर्ड फसल के उत्पादन के बाद भी बारिश और बाढ़ के प्रकोप ने हिमाचल के सेब बागवानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी. बंपर इस सीजन में पैदावार के बाद भी हिमाचल प्रदेश में बागवानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं.
किसानों और व्यापारियों का मानना है कि इस सीजन में कुल मिलाकर सेब की अच्छी पैदावार हुई है. व्यापारियों के मुताबिक जुलाई में फसल का तुड़ान शुरू हो गया था. बागवान अच्छे दाम मिलने की उम्मीद से होलसेल फ्रूट मार्केट में सेब की फसल लेकर पहुंचे थे, लेकिन बारिश और बाढ़ ने किसान और व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
कई राज्यों में बाढ़ के चलते इसकी मांग कम हो गई है. जिससे मीठे सेब का कारोबार 'खट्टा' हो गया है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे अधिकांश राज्यों में बाढ़ ने इसकी मांग को बहुत कम कर दिया है.
बता दें कि रॉयल डिलीशियस, रेड चीफ, सुपर चीफ, ओरेगन स्पर और स्कार्लेट स्पर जैसे सुपीरियर ग्रेड भारी बारिश होने के कारण अगस्त माह में मैदानी इलाकों तक पहुंचता है.
मिठास, रंग और रसीलेपन के लिए मशहूर किन्नौर जिले का सेब अक्टूबर में बाजार में दस्तक देगा. जिला शिमला के ननखड़ी में एक किसान शेर सिंह चौहान ने कहा कि 8 से 10 साल बाद इस सीजन में सेब की अच्छी फसल हुई थी, लेकिन इस बार मांग कम हो गई है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात में बाढ़ आने से किसानों की कमाई पर असर पड़ा है. इस साल सेब की गुणवत्ता अच्छी थी, लेकिन कीमत बहुत कम मिल रही है.