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'खट्टा' हुआ मीठे सेब का कारोबार, बारिश और बाढ़ से बागवानों की जेब तक नहीं पहुंचा पैसा

बारिश और बाढ़ के प्रकोप ने हिमाचल के सेब बागवानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी. किसानों और व्यापारियों का मानना है कि इस सीजन में कुल मिलाकर सेब की अच्छी पैदावार हुई है, लेकिन बारिश और बाढ़ ने किसान और व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

'खट्टा' हुआ मीठे सेब का कारोबार, बारिश और बाढ़ से बागवानों की जेब तक नहीं पहुंचा पैसा

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Published : Aug 30, 2019, 8:28 PM IST

Updated : Aug 30, 2019, 8:47 PM IST

कुल्लू: सेब की रिकॉर्ड फसल के उत्पादन के बाद भी बारिश और बाढ़ के प्रकोप ने हिमाचल के सेब बागवानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी. बंपर इस सीजन में पैदावार के बाद भी हिमाचल प्रदेश में बागवानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं.

किसानों और व्यापारियों का मानना है कि इस सीजन में कुल मिलाकर सेब की अच्छी पैदावार हुई है. व्यापारियों के मुताबिक जुलाई में फसल का तुड़ान शुरू हो गया था. बागवान अच्छे दाम मिलने की उम्मीद से होलसेल फ्रूट मार्केट में सेब की फसल लेकर पहुंचे थे, लेकिन बारिश और बाढ़ ने किसान और व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

कई राज्यों में बाढ़ के चलते इसकी मांग कम हो गई है. जिससे मीठे सेब का कारोबार 'खट्टा' हो गया है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे अधिकांश राज्यों में बाढ़ ने इसकी मांग को बहुत कम कर दिया है.

बता दें कि रॉयल डिलीशियस, रेड चीफ, सुपर चीफ, ओरेगन स्पर और स्कार्लेट स्पर जैसे सुपीरियर ग्रेड भारी बारिश होने के कारण अगस्त माह में मैदानी इलाकों तक पहुंचता है.
मिठास, रंग और रसीलेपन के लिए मशहूर किन्नौर जिले का सेब अक्टूबर में बाजार में दस्तक देगा. जिला शिमला के ननखड़ी में एक किसान शेर सिंह चौहान ने कहा कि 8 से 10 साल बाद इस सीजन में सेब की अच्छी फसल हुई थी, लेकिन इस बार मांग कम हो गई है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात में बाढ़ आने से किसानों की कमाई पर असर पड़ा है. इस साल सेब की गुणवत्ता अच्छी थी, लेकिन कीमत बहुत कम मिल रही है.

शेर सिंह चौहान ने बताया कि रॉयल डिलीशियस का 20 किलो का डिब्बा ढ़ली में 1,200 रुपये से 1,800 रुपये तक बिक रहा है, जबकि पिछले साल इसका रेट 2,800 रुपये के आसपास था. बीते साल की तुलना में स्पर किस्मों की कीमत 2,000 रुपये प्रति बॉक्स थी, लेकिन इस स्पर की कीमतों में पचास फीसदी गिरावट आई है.

वहीं, राज्य बागवानी निदेशक एमएल धीमान ने बताया कि इस साल हिमाचल में सेब के लगभग 3.7 करोड़ बॉक्स मार्केट में पहुंचने का अनुमान है. अब तक 60 फीसदी फसल मार्केट में आ चुकी है.

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बता दें कि हिमाचल प्रदेश देश के प्रमुख सेब उत्पादक क्षेत्रों में से एक है. हिमाचल के सेब उत्पादन का 90 प्रतिशत हिस्सा घरेलू बाजार में जाता है. वर्ष 2018 में राज्य ने 2.18 करोड़ सेब के बॉक्स का उत्पादन हुआ. वहीं 2017-18 में 2.23 करोड़ सेब के बॉक्स का उत्पादन हुआ था.

हिमाचल प्रदेश में सेब की खेती का क्षेत्रफल 1960-61 में 3,025 हेक्टेयर से बढ़कर 2017-18 में 112,500 हेक्टेयर हो गया है, जो फल की खेती के तहत कुल क्षेत्र का 50 प्रतिशत से अधिक है.

Last Updated : Aug 30, 2019, 8:47 PM IST

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