कुल्लू: जिला कुल्लू प्राकृतिक रूप से फल और सब्जी उत्पादन के लिए देशभर में जाना जाता है. बागवानी के लिए जिले की जलवायु काफी अनुकूल है. ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं पर पर्याप्त बर्फबारी के कारण जिले के निचले भागों में सिंचाई के लिए पानी की माकूल उपलब्धता मौजूद है.
जिले में विभिन्न प्रकार के फल जैसे सेब, प्लम, नाशपाती, चैरी, अनार, जापानी फल इत्यादि का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है. वहीं, सब्जियों में विदेश की सब्जियां (एग्जॉटिक वेजिटेबल) का उत्पादन भी होता है. यहां के फल व सब्जियों की देश की मंडियों में हमेशा मांग रहती है.
एपीएमसी द्वारा जिला कुल्लू में वर्तमान में आठ फल और सब्जी मंडियों का संचालन किया जा रहा है. इनमें बंदरोल, भुंतर, पतलीकूहल, कुल्लू, चैरी बिहाल, निरमंड, खेगसू, बंजार तथा शॉट फल व सब्जी मंडियों के माध्यम से लोगों को घर-द्वार के समीप अपने उत्पादों को बेचने की सुविधा प्रदान की गई है.
कोविड-19 से खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई
देश-प्रदेश के अन्य भागों की तरह यहां अधिकतर लोग अनौपचारिक रूप से खेतीबाड़ी के कार्यों में जुड़े हुए हैं. विशेषकर बागवानी जिले के लोगों की आजीविका और आर्थिकी का अहम हिस्सा है. कोविड-19 के प्रकोप से कृषि एवं खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है जिससे हिमाचल प्रदेश राज्य भी अछूता नहीं रहा है.
कोविड-19 के कारण पैदा हुई समस्या के मध्यनजर रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर विभिन्न हितधारकों जैसे फल उत्पादक संघों, आढ़तियों, ट्रांसपोर्टरों, मजदूरों के साथ बैठकों का आयोजन कर यह सुनिश्चित किया गया कि जिले से देश के विभिन्न भागों तक उत्पाद पहुंचाया जा सके.
300 से अधिक मजदूर हिमाचल के अन्य जिलों से कुल्लू आए
वर्ष 2020-21 में लगभग 2580 मजदूर और व्यापारी बाहरी राज्यों से इन्हीं अनुमतियों के उपरांत जिले की विभिन्न मंडियों में आ सकें. इसके साथ ही 300 से अधिक मजदूर हिमाचल के अन्य जिलों से कुल्लू जिले में आए.
वर्ष 2020-21 में जिला कुल्लू की विभिन्न मंडियों में तीन लाख 92 हजार क्विंटल सेब का व्यापार से हुआ, जबकि उससे पिछले वर्ष यह आंकड़ा पांच लाख 6 हजार क्विंटल था. हालांकि इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि वर्ष 2020-21 में सेब का उत्पादन उससे पिछले वर्ष से काफी कम था. साथ ही फसल तैयार होने से पहले के ठेके भी वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के कारण ज्यादा थे.