कुल्लू: ओवललोडिंग के कारण कुल्लू के बंजार में हुए भीषण हादसे में 44 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए. ओवरलोडिंग बसों में सफर करना लोगों की मजबूरी बन गया है. सराज घाटी की 13 पंचायतों के लिए सिर्फ लगभग 30 हजार की आबादी मात्र 8 बसों में रोजाना सफर करने को मजबूर है.
मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र को जोड़ने वाले बंजार गाड़ा गुशेनी, छतरी, करसोग, जंजैहली रूट पर आज भी मात्र 8 बसें चल रही हैं. इनमें एचआरटीसी की पांच और 3 प्राइवेट बसें इन रूटों पर दौड़ती है. लोगों को घर पहुंचने के लिए जंगली, सुनसान और पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. इन रास्तों पर जंगली जानवरों के हमले और दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है. इसी के चलते लोग शाम को अपने काम से लौटते हुए घर जाने की जल्दी में रहते हैं. मजबूरन उन्हें ओवरलोड बसों में सफर करना पड़ता है.