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कुल्लू दशहरा में पहली बार दिखेगा ये भव्य नजारा, विश्व शांति के लिए 2000 बजंतरी एक साथ करेंगे देवताओं का आवाहन

दुनियाभर में विख्यात अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का मंगलवार को आगाज हो रहा है. देवी-देवताओं का महाकुंभ माने जाने वाले कुल्लू दशहरा में देवभूमि में सदियों से निभाई जाने वाली हिमाचल की अद्भूत परंपराओं की झलक देखने को मिलती है. सात दिन तक चलने वाले दशहरा उत्सव में देश और विदेश से 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.

डिजाइन फोटो.

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Published : Oct 7, 2019, 8:45 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 9:36 PM IST

कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के दौरान इस बार एक भव्य नजारा देखने को मिलेगा. एक साथ दो हजार बजंतरी देव धुनें बजाएंगे और देवताओं का आवाहन कर विश्व शांति की कामना करेंगे.अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में हर साल करीब 300 देवी-देवता पहुंचते हैं. जबकि इस बार उत्सव में 331 देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया गया है.

इस बार दशहरा उत्सव में पहली बार लोक नृत्य में 2000 बजंतरी एक साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों से 13 अक्टूबर को सुख-शांति व स्वच्छता का संदेश देने वाली धुनें प्रस्तुत करेंगे. पारम्परिक वाद्य यंत्रों को एक साथ बजाकर इन्हें लुप्त होने से बचाने और इनकी लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.

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ये कार्यक्रम 13 तारीख को किया जाएगा और सूबे के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कार्यक्रम में विशेष तौर पर उपस्थित रहेंगे. खुली जीप में मुख्यमंत्री और उनके साथ वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर रहेंगे और मेले में आए देवलुओ और कारकुनों का आशीर्वाद लेंगे. ये कार्यक्रम विश्व भर के 22 देशों में लाइव दिखाया जाएगा.

वीडियो देखें.

कारदार संघ के अध्यक्ष जय चंद ठाकुर ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में 2 हजार बजंतरी कुल्लवी वाद्ययंत्रों की देव धुन पर देवताओं का आह्वान करेंगे. वेदमंत्रों के उच्चारणों के साथ विश्व शांति का संदेश दिया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के लिए इस वर्ष 331 देवी-देवताओं का निमंत्रण भेजे गए हैं, ताकि दशहरा उत्सव में देवमहाकुंभ व देवमिलन का भव्य नजारा पूरी दुनिया देख सके और देवभूमि में देवी-देवताओं की धार्मिक मान्यताएं युग-युग तक चले.

Last Updated : Oct 7, 2019, 9:36 PM IST

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