किन्नौरः आज की कड़ी में हम आपको जिला किन्नौर के खूबसूरत गांव कल्पा के बारे में बताएंगे. चारों ओर बर्फ की सफेद चादर से ढका हुआ कल्पा गांव पर्यटन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता है. कल्पा देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी का पैतृक गांव है.
कल्पा के मनमोहक नजारे
कल्पा में बौद्ध मंदिर, देवी चण्डिका किला, पुराने जमाने की कलाकृति वाले लकड़ी के मकान, नारायण मंदिर, आसपास की बर्फ से ढकी पहाड़ियां, रोला क्लिफ, चाखा पिक ट्रेकिंग, देवराज नेगी फुटबॉल स्टेडियम, किन्नौर का सबसे पुराना स्कूल (स्थापना 1890) जैसी जगहें यहां के आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं. कल्पा से किन्नर कैलाश महादेव के दर्शन भी होते हैं. सेबों से लदे हरे-भरे बगीचे और बर्फ से ढकी ऊंची-ऊंची पहाड़ियां हर किसी का मन मोह लेती है.
बॉलीवुड की पसंद
कल्पा की सुंदरता का बॉलीवुड और भारतीय टीवी सिरीयल भी दिवाना है. यहां अब तक सैकड़ों बॉलीवुड फिल्में व धारावाहिकों की शूटिंग हो चुकी है.
प्राचीन नाम
कल्पा के नाम को लेकर कई किवदंतियां मशहूर है. ऊंचाई से देखने पर कल्पा का आकार तर्जनी उंगली के नाखून की तरह दिखता है और किन्नौरी भाषा में नाखून को चीने कहा जाता है. इसी वजह से कल्पा गांव को चीने भी कहा जाता है. कल्पा को स्थानीय लोग रेशमोलियो चीने भी कहते हैं, जिसका मतलब है रेशम की तरह कोमल गांव. माना ये भी जाता है कि कल्पा में देवी चण्डिका और ठाकुरों के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें ठाकुर मारे गए. इसके बाद ठाकुर की पत्नी चिन्ह देवी चण्डिका के पास रोते-बिलखते आई. इसपर देवी ने महिला को वचन दिया कि तुम्हारे नाम से ही इस गांव का नामकरण होगा. इसके बाद कल्पा को चिन्ह पुकारा जाने लगा, हालांकि समय के साथ कल्पा का नाम चिन्ह से चीनी में तबदील हो गया था.