किन्नौर:जनजातीय जिला किन्नौर अपने पर्यटन स्थल के लिए पूरे विश्वभर में जाना जाता है, लेकिन जिला किन्नौर के कुछेक क्षेत्र ऐसे हैं, जहां केवल पर्यटन पर ही आर्थिक आधार पर लोग निर्भर है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते जिला के छितकुल, रकछम व हंगरांग घाटी के कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सेब व दूसरी नकदी फसल नाममात्र पैदावार होती है क्योंकि यह क्षेत्र तीन हजार मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित है.
जहां ठंड के कारण नकदी फसलों की पैदावार नहीं होती है, ऐसे में यहां पर केवल पर्यटन पर ही निर्भर है. जिसके चलते अब इन क्षेत्रों में आर्थिक रूप से लोगों को नुकसान हो रहा है.
वहीं, इस बारे में जिला पर्यटन अधिकारी अवनिंद्र शर्मा ने कहा कि जबसे कोरोना वायरस ने देश के अंदर दस्तक दी है, उसके बाद जिला किन्नौर के सभी पर्यटन स्थलों के व्यापारियों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है.
खासकर हंगरांग घाटी, छितकुल, रकछम ऐसे इलाके हैं, जहां पर्यटन पर सबसे अधिक निर्भर लोग हैं क्योंकि यहां पर दूसरे इलाकों की तरह सेब जैसी नकदी फसल नहीं होती और दूसरी फसलों से अच्छी आय नहीं हो पाती है.