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सीएमओ के ट्रांसफर पर सवाल, 18 दिन बाद रिटायर होने वाले डॉक्टर को भेजा गया किन्नौर

रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल के सीएमओ सोनम नेगी के ट्रांसफर पर सवाल उठने लगे हैं. ऐसा इस लिए हो रहा है, क्योंकि उनकी जगह 18 दिन बाद रिटायर होने वाले डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा को किन्नौर भेजा जा रहा है. कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट सूर्या बोरस ने कहा कि जनता के सेवक भाजपा की राजनीति का शिकार हो रहे हैं.

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सीएमओ सोनम नेगी के ट्रांसफर पर उठ रहे सवाल.

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Published : Feb 11, 2022, 6:06 PM IST

किन्नौर: जिले में कोविड काल के दौरान बेहतरीन सेवाएं देने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोनम नेगी का बीते गुरुवार को शिमला ट्रांसफर कर दिया गया है. उनकी जगह 18 दिन बाद रिटायर होने वाले डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा को किन्नौर भेजा गया है. सीएमओ के तबादले पर अब सवाल उठने लगे हैं.

शनिवार को कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट सूर्या बोरस ने रिकांगपियो में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जनता के सेवक भाजपा की राजनीति का शिकार हो रहे हैं. इस तरह का काम बीजेपी नेताओं की ओछी राजनीति को दर्शाता है. जबकि डॉ. सोनम नेगी ने कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किये बगैर मरीजों की सेवा की. इतना ही नहीं, कोविड टीकाकरण में भी किन्नौर को देशभर में अव्वल बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

सीएमओ सोनम नेगी के ट्रांसफर पर उठ रहे सवाल.

सूर्या बोरस ने कहा कि इससे पूर्व भी क्षेत्रीय चिकित्सालय से आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर के तबादला किया गया था, तबादला रद्द करना के लिए किन्नौर कांग्रेस ने सरकार से मांग और धरना-प्रदर्शन किया था. लेकिन, अब मुख्य चिकित्सा अधिकारी का इस तरह से तबादला करना सरासर गलत है, उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि किन्नौर स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का तबादला रोके.

18 दिन बाद रिटायर हो जाएंगे डॉ. सुनील- खनेरी अस्पताल रामपुर से रिकांगपियो क्षेत्रीय अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर आने वाले डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा जो वर्तमान समय में रामपुर के खनेरी अस्पताल में बीएमओ के पद पर तैनात हैं. डॉ. सुनील 28 फरवरी को रिटायर हो जाएंगे. जिसके बाद किन्नौर स्वास्थ्य विभाग का पद खाली रहेगा.

6 महीने से चल रही थी सीएमओ के ट्रांसफर की कवायद-मुख्य चिकित्सा अधिकारी के तबादले की कवायद पिछले 6 महीनो से चली हुई थी, लेकिन कोविड के चलते तबादला नहीं हो पाया. स्थानीय लोगों का कहना है कि भाजपा नेता अपने चहेते अधिकारी को इस पद पर बैठाने के लिए यह सब प्रयोग कर रहे हैं. सीएमओ के ट्रांसफर सवाल उठना लाजिमी है. क्योंकि सरकार को ऐसी क्या मजबूरी सामने आ गई कि 18 दिन बाद रिटायर होने वाले डॉक्टर को सीएमओ बनाकर रिकांगपियो भेजा जा रहा है.

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