किन्नौर: केंद्र सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल का दूसरा बजट आगामी एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाना है, जिसको लेकर जनजातीय जिला किन्नौर के व्यापारियों व कर्मचारियों को काफी उम्मीदें है.
जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओं के कारोबारी गुरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार के आगामी बजट को लेकर खुशी जाहिर की है. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर में व्यापरियों को सबसे बड़ी समस्या किराए में आती है, जिसमें सरकार को विचार मंथन कर किराए को कम करना चाहिए.
व्यापारी का कहना है कि अब पेट्रोल डीजल के दाम भी दिन प्रतिदिन बढ़ने लगे है. व्यापारियों का सारा काम ट्रांसपोर्टेशन के ऊपर निर्भर है.अगर पेट्रोल डीजल के दाम अधिक हो तो किराया अधिक हो जाता है. इसके बाद व्यापारी को सामान को महंगा बेचना पड़ रहा है जिसकी मार आम व्यक्ति को पड़ती है.
उन्होंने कहा कि इस बजट से उम्मीद है कि खाद्य प्रदार्थो में भी दोबारा विचार कर बजट रखा जाए क्यों कि कई खाद्य प्रदार्थो में 5 प्रतिशत व कुछ खाद्य प्रदार्थो में 12 प्रतिशत टैक्स रखा है, जिससे ग्राहक को मंहगाई की मार पड़ती है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि व्यापार में भी बिचौलिए दलालों के काम खत्म किया जाए ताकि आम ग्राहक को फायदा हो और काम मे पारदर्शिता आए.
वहीं, जिला उपशिक्षा निदेशक पदम् सिंह बिष्ट ने कहा कि जनजातीय जिला में भौगोलिक परिस्थिति काफी हटकर है ऐसे में जनजातीय जिला के शिक्षा के लिए बजट में इजाफा किया जाए ताकि जिला किन्नौर में भी आदर्श विद्यालयों की स्थापना की जा सकें, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा मिले और बजट के बढ़ोतरी से दूसरी मूलभूत सुविधाएं भी मिल जाए.