किन्नौर:जिला किन्नौर के जिला परिषद सदस्य हितेश नेगी ने रिकांगपिओ में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि जिला किन्नौर इन दिनों कोरोना महामारी से जूझ रहा है और जिला में कई कोविड मरीज सांस में हो रही दिक्कत से परेशान हैं. वहीं, जिला में अब तक कई कोविड मरीज सांस की समस्या के चलते वेंटिलेटर तक पहुंचने के बाद नहीं बच पाए हैं.
उन्होंने कहा कि जिला में कोरोना संक्रमण के आपात समय के लिए सरकार द्वारा वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए गए थे. जिसे बीती रात क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ से बाहरी जिले के लिए भेजा गया है. जिसकी जानकारी बहुत ही विश्वसनीय सूत्रों से उन्हें प्राप्त हुई है.
चार वेंटिलेटरों को बाहरी जिलों के लिए भेजा जाना दुर्भाग्यपूर्ण
हितेश नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर के क्षेत्रीय चिकित्सालय से चार वेंटिलेटरों को बाहरी जिलों के लिए भेजा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि जिले में आपात परिस्थितियों में यह वेंटिलेटर काम आ सकते हैं, लेकिन सरकार द्वारा जिले से इन वेंटिलेटरों को वापस ले जाना जिले की जनता के साथ धोखा है.
कोविड मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
उन्होंने कहा कि कोविड के मरीजों को आपात स्थिति के लिए इन वेंटिलेटर का जिले में होना जरूरी है, लेकिन सरकार द्वारा जिले की गंभीर हालात में भी इन वेंटिलेटरों को क्षेत्रीय चिकित्सालय से बाहर ले जाना शायद जिला के कोविड मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना है जो सरासर गलत है.
वेंटिलेटर फंक्शनल नहीं हो रहे थे
वही, इस संदर्भ में डीसी किन्नौर हेमराज बैरवा से मीडिया द्वारा पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिला के क्षेत्रीय चिकित्सालय से चार वेंटिलेटरों को बाहरी क्षेत्र में इसलिए भेजा गया है, क्योंकि जिला के क्षेत्रीय चिकित्सालय में यह वेंटिलेटर फंक्शनल नहीं हो रहे थे और जिले के बाहर अभी शायद इन वेंटिलेटरों की जरूरत हो सकती है.
ऐसे में इन वेंटिलेटरों को सरकार द्वारा दूसरे जिलों के लिए भेजा गया है और जिला किन्नौर के लिए सरकार द्वारा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेजे गए हैं. यह भी एक प्रक्रिया है जहां मुसीबत में एक दूसरे क्षेत्र की मदद की जाती है. ऐसे में जब जिला को वेंटिलेटरों की जरूरत होगी तो सरकार वेंटिलेटर उपलब्ध करवाएगी.
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