किन्नौर:जिले के ठंगी गांव में फुलाइच यानि फूलों का मेला शुरू हो गया है.स्थानीय लोग ऊंची पहाड़ियों पर नंगे पैर चलकर पहाड़ों से ब्रह्मकमल लाकर अपने स्थानीय देवता रापुक शंकरस को समर्पित करते हैं. फुलाइच मेले में ग्रामीण मंदिर परिसर में एकत्रित होते हैं. इस दौरान सभी ग्रामीण किंन्नौर की पारंपरिक सोने चांदी के आभूषण व अन्य वेशभूषा पहनकर स्थानीय देवता को ऊंचे पहाड़ों से उठाकर लाए हुए शुद्ध ब्रह्मकमल फूल समर्पित कर उनकी पूजा अर्चना करते है.(Himachal Phulaich Fair )
पारंपरिक गीतों से खुश करते देवता को:इस पारंपरिक फुलाइच मेले में देवता समेत ग्रामीण कायंग यानी पहले पुरुष व बाद में महिलाए लाइन में खड़े होकर स्थानीय देवता को पारंपरिक गीतों से खुश करने की कोशिश करते है. ठंगी गांव में वर्ष में एक बार मनाया जाने वाला फुलाइच मेला गांव के आपसी सामंजस्य व देव समाज की परंपरा को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सैकड़ों वर्ष पुराने इस मेले का उद्देश्य गांव की सुख -शांति व समृद्धि कर एकजुटता का संदेश देता है.