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किन्नौर एफआरए पर सियासत, विधायक नेगी ने भाजपा पर लगाया ये आरोप - ETV Bharat Himachal Pradesh

विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया (MLA Kinnaur Negi on BJP) कि एफआरए पर लोगों को किया जा रहा.विधायक ने रिकांगपिओ में मंगलवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि सोमवार को जिले के अंदर फॉरेस्ट राइट एक्ट 2006 के अंर्तगत (Forest Rights Act 2006)डीसी किन्नौर व डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी के माध्यम से 5 लोगों को भूमि देने की बात सामने आई, जिसके बाद भाजपा के कुछ नेता सोशल मीडिया पर इसका श्रेय ले रहे ,जबकि भाजपा नेताओं को इस बात का जरा सा भी आभास नहीं कि एफआरए के तहत जिले में लोगों को भूमि दिलाने के पीछे किन्नौर कांग्रेस का संघर्ष है.

MLA Kinnaur Jagat Singh Negi on BJP
फॉरेस्ट राइट एक्ट 2006

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Published : Jan 4, 2022, 8:36 PM IST

किन्नौर :विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया (MLA Kinnaur Negi on BJP) कि एफआरए पर लोगों को किया जा रहा. विधायक ने रिकांगपिओ में मंगलवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि सोमवार को जिले के अंदर फॉरेस्ट राइट एक्ट 2006 के अंर्तगत (Forest Rights Act 2006)डीसी किन्नौर व डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी के माध्यम से 5 लोगों को भूमि देने की बात सामने आई, जिसके बाद भाजपा के कुछ नेता सोशल मीडिया पर इसका श्रेय ले रहे ,जबकि भाजपा नेताओं को इस बात का जरा सा भी आभास नहीं कि एफआरए के तहत जिले में लोगों को भूमि दिलाने के पीछे किन्नौर कांग्रेस का संघर्ष है.



विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिले के अंदर एफआरए यानी फॉरेस्ट राइट एक्ट 2006 के तहत जिस भी व्यक्ति को भूमि मिलेगी उसमें सबसे पूर्व ग्राम सभा का अनुमोदन, के बाद सब डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी व उसके बाद,डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी के पास एफआरए के कागजात को जांचा जाता ,जिसके बाद डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी एफएआरए के तहत मिलने वाले भूमि को आवेदनकर्ता को देने का काम करती ,लेकिन किन्नौर भाजपा नेताओ द्वारा इसका श्रेय भाजपा संगठन को व प्रदेश के मुख्यमंत्री को दिया का रहा, जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री व भाजपा के नेताओ का एफआरए के तहत मिलने वाली भूमि में कोई योगदान नहीं होता है. जगत सिंह नेगी ने कहा कि एफआरए का कानून देश के जनजातीय क्षेत्रों के लिए कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रयास कर सदन के माध्यम से बनाया था ,जिसके फलस्वरूप देश के जनजातीय क्षेत्रों में इस कानून के तहत जनजातीय लोगों को भूमि भी मिली. उन्होंने कहा कि किन्नौर में 5 लोगों को एफआरए के तहत मिली भूमि पर भाजपा के नेता राजनीति कर इस काम को ऐतिहासिक बता रहे है, जबकि इस तरह के काम प्रदेश के अंदर हो चुके.

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