किन्नौर:हिमाचल केकिन्नौर जिला के पूह ग्राम पंचायत के लिए होजो नाला उठाऊ जल सिंचाई योजना, जो करीब 9 करोड़ की लागत से बन रहा था, उस पर अचानक पानी फिर गया. क्योंकि यहां सड़क निर्माण में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही के चलते होजो नाला उठाऊ जल सिंचाई योजना क्षतिग्रस्त हो गया. सड़क निर्माण के दौरान निकले बड़े बड़े पत्थर और मलबे को मशीनों से नाले में फेंका गया, जिसके चलते उठाऊ जल सिंचाई योजना की पाइप लाइन मलबे में दब गई और साथ ही पानी का मुख्य स्रोत भी मलबे में दब गया.
बता दें कि होजो नाला समीप उठाऊ जल सिंचाई योजना के नजदीक कंस्ट्रक्शन कंपनी ऋषिडोगरी के लिए सड़क निर्माण का कार्य कर रही है. जिसकी देखरेख सीपीडबल्यूडी कर रही है, लेकिन इसके बावजूद भी होजो नाला के पास करोड़ों की जल सिंचाई योजना को भारी नुकसान पहुंचाया गया है. सड़क निर्माण के दौरान निकले पहाड़ी से निकले बड़े-बड़े पत्थर और मलबे को नाले में फेंका जा रहा है. जिसकी वजह से नीचे उठाऊ जल सिंचाई योजना की पाइप लाइन दब गई है. साथ ही यहां पानी का मुख्य स्रोत भी मलबे के नीचे दब गया है.
इसकी सूचना मिलते ही पूह पंचायत के दानमोछे वाटर यूजर कमेटी के सदस्य और अन्य ग्रामीणों ने इस विषय पर बैठक करने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी, सीपीडब्ल्यूडी अधिकारी सहित अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विनय मोदी, जिला परिषद सदस्य शांता नेगी भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी ने नुकसान का जायजा लिया और होजो नाला को पहुंचे करोड़ो के नुकसान को देखते हुए सीपीडब्ल्यूडी और कंस्ट्रक्शन कंपनी को काम रोकने के निर्देश दिए है. साथ ही नुकसान की भरपाई के भी निर्देश दिए हैं.
बता दें कि होजो नाला से उठाऊ जल सिंचाई योजना आजादी के बाद सूखे की मार झेल रहा पूह पंचायत के लिए किसी अमृत से कम नहीं है, लेकिन इस नुकसान के बाद पूह पंचायत के लोगों के आशाओं पर पानी फिरता दिख रहा है. वहीं, समय रहते इस उठाऊ जल सिंचाई योजना को कंस्ट्रक्शन कंपनी और सीपीडब्ल्यूडी रिस्टोर नहीं करतीं तो अब पूह पंचायत के ग्रामीण सड़कों पर उतरने की चेतावनी दे चुके हैं. पूह पंचायत में करीब 371 घर है. पूह पंचायत की जनसंख्या करीब एक हजार के आसपास है, जहां पर पीने के पानी नाम मात्र है. वहीं, सिंचाई के लिए लोग लाखों रुपये खर्च कर पानी खरीदते हैं और सिंचाई करते हैं. होजो नाला से ही उठाऊ जल सिंचाई योजना की आस लिए ग्रामीण अब इस योजना के लाभ के लिए तरस रहे हैं. पूरे पूह पंचायत में करोड़ों के सेब के बगीचे सूखने की कगार पर है और कुछ सेब के बगीचे तों सुख भी चुके हैं.