किन्नौर: एक तरफ जहां कोरोना वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई गईं, वहीं हिमाचल प्रदेश के एक जिले ने मिसाल कायम की है. जनजातीय जिला किन्नौर में 100 प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है. भारत-चीन सीमा पर स्थित किन्नौर कठिन भौगोलिक हालात से पार पाकर लक्षित आबादी को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है.
हिमाचल प्रदेश में 30 नवंबर तक संपूर्ण कोविड टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, कोविड प्रतिरोधी टीका लगाने वाला किन्नौर देश का ऐसा पहला जिला बन गया है, जहां निर्धारित लक्ष्य (18 साल से अधिक उम्र) के सभी व्यक्तियों को कोविड टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है. उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि जिले में कुल 60,305 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इन लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी है, जो प्रदेश व जिले के लिए गौरव का विषय है.
कोरोना काल में यहां के लोगों ने बहुत ही कठिन दिन देखे. इसके बावजूद भी इस क्षेत्र ने केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कोरोना काल में सख्ती से पालना किया. जिसके चलते किन्नौर जिले में वर्तमान समय मे कोविड 19 से स्वस्थ होने वालों की संख्या 3450 है. जिले में कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या 9 है. अब तक कोविड 19 के कुल 77426 सैंपल लिए जा चुके हैं. जिनमें से 73929 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. अब तक जिले मे कुल 3497 मामले पॉजिटिव आए हैं.
डीसी ने कहा कि जिले में कोविड 19 के कारण 38 संक्रमितों की मृत्यु हो चुकी है. कोरोना काल के दौरान जब वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हुई तो जिले के लोगों ने इसमें अपनी दिलचस्पी दिखाई. प्रथम डोज में भी शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के बाद दूसरी डोज की कवायद शुरू हुई. स्वास्थ्य विभाग, पंचायत प्रतिनिधि, जिला प्रशासन ,आशावर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लोगों को घर-द्वार जाकर वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया. जिसके फलस्वरूप आज जिला देशभर में कोविड वैक्सीनेशन में अव्वल स्थान पर आया है.
किन्नौर हिमाचल प्रदेश की दुर्गम पहाड़ियों में बसा है. यहां टीकाकरण अभियान मैदानी इलाकों के मुकाबले मुश्किल था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कोशिशों से यह लक्ष्य हासिल किया गया है. कठिन पहाड़ी रास्तों पर पैदल चलकर गांव तक पहुंचने के अलावा गांव से दूर पशुपालकों के अस्थायी ठिकानों में जाकर हेल्थ वर्कर्स ने उनका टीकाकरण किया.