किन्नौर: कहते हैं कि तंदरुस्ती हजार नेमत के बराबर है. अगर सेहत ठीक है तो सब ठीक है. अच्छी सेहत के लिए अच्छा खाना पीना भी जरूरी है. लेकिन यहीं सेहत खबर होने लगे तो जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता है. खराब या एक्सपायर समानों का सेवन इसका सबसे बड़ा कारण है. ऐसा ही कुछ बर्फीली वादियों से घिरे जिला किन्नौर में देखने को मिला है. यहां दुकानदार आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए नजर आ रहे हैं.
देश प्रदेश के साथ ही किन्नौर में जब लॉकडाउन की परिस्थितियां शुरू हुई तो इस दौरान व्यापारियों की दुकानें बंद रहीं या कुछ दुकानों को समय-समय पर खोलने के निर्देश जारी किए गए. लॉकडाउन के दौरान व्यापारी और दूसरे खाद्य पदार्थ बेचने वालों ने गोदामों में अच्छा खासा स्टॉक किया था. इनमें कुछ चीजों की एक्सपायरी डेट भी समाप्त हो गई थी. मुनाफा कमाने के चक्कर में दुकानदार इन एक्सपायरी चीजों को ग्राहकों को बेच रहे थे.
निचले क्षेत्र से खाद्य पदार्थों की सप्लाई बाधित
लॉकडाउन के दौरान निचले क्षेत्र से कई चीजों की सप्लाई भी नही थी. ऐसे में निचले क्षेत्र से किन्नौर के व्यापारी होलसेल का सामान और खाद्य प्रदार्थो की मांगें कम कर दी थी. क्योंकि व्यापारियों के सामने अपने पुराने सामान को बेचने की भी चुनौती थी. लेकिन व्यापारी नफा-नुकसान के चक्कर में लोगों की जान दांव पर लगाने से बाज नहीं आए.
सब्जी की दुकानों में बिकती है डेली नीड्स की वस्तुएं
जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ और दूसरे सभी बाजारों में ऐसे कई बड़े सब्जी विक्रेता है जो सब्जी के अलावा दूसरी चीजे भी बेचते है. ऐसे में डेली नीड्स, मिठाई और जाइनीज फास्टफूड की सैंपलिंग खाद्य सुरक्षा विभाग हर महीने करता है. ताकि व्यापारी एक्सपायरी सामान की बिक्री न कर सकें.
जल्दबाजी में एक्सपायरी डेट नहीं देखते उपभोक्ता