किन्नौर:जिले में पिछले दो दिन में हुई भारी बर्फबारी के बाद हर ओर बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है. हर तरफ बिछी सफेदी यहां के कुदरती नजारों में चार चांद लगा रही है लेकिन ये बर्फबारी स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत लेकर भी आई है. जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में सोमवार शाम तक डेढ़ फुट ताजा हिमापात हुआ, जबकि पर्यटन स्थल कल्पा में ढाई फुट, छितकुल ,रक्षम, सांगला ,आसरंग, नेसंग, हांगों चुलिंग, कून्नु चारंग, नाको आदि जगहों में करीब 3 फुट तक ताजा हिमापात हुआ. जिससे किन्नौर के सभी रास्ते बंद हो गए और वाहनों के पहिए थम गए. जो लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है. हालांकि प्रशासन रास्तों को खोलने में जुट गया है, लेकिन बर्फबारी के बाद कई समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है.
अंधेरे में डूबा किन्नौर:भारी हिमपात के बाद जिले में सर्दी का सितम बढ़ गया है. हाड़ कंपाने वाली सर्दी के बीच पूरे जिले में बिजली गुल हो गई है. अंधेरे में डूबे किन्नौर जिले में लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं. विभाग के कर्मचारी बिजली आपूर्ति को बहाल करने में जुटे हैं लेकिन बर्फ की मोटी चादर हर कदम पर उनके लिए चुनौती खड़ी कर रही है. जिसके कारण बिजली आपूर्ति बहाल करने में कुछ वक्त लग सकता है.
बर्फ को हटाने का काम शुरू:बीते दो दिनों में इतनी जबरदस्त बर्फबारी हुई है कि किन्नौर के सभी सड़क मार्ग बंद हो गए हैं. जिले का संपर्क प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों से मानो कट सा गया है. जानकारी के मुताबिक कल्पा व पवारी मार्ग से मशीनों द्वारा बर्फ को हटाने का काम किया जा रहा है, लेकिन सड़क मार्ग पर डेढ़ फुट से अधिक बर्फ जमी होने के चलते वाहनों की आवाजही पूरी तरह से नहीं हो पा रही है. आज प्रशासन बड़ी- बड़ी मशीनों की मदद से सड़क मार्गों की बहाली का काम कर रहा है. आज शाम तक सभी सड़क सम्पर्क मार्ग बहाली की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, राष्ट्रीय उच्च मार्ग -5 फिलहाल प्रशासन ने बहाल किया और रिकांगपिओ से शिमला की ओर आवाजाही शुरू हो गई है.