किन्नौर:जनजातीय जिला किन्नौर में पिछले दो वर्षों से बेसहारा पशुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. वाहनों की चपेट में आने से कई पशुओं की मौत भी हो रही है. बेसहारा पशुओं की अधिक संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने गऊशाला निर्माण के लिए कई वायदे किए थे, लेकिन अभी तक एक भी गऊशाला के निर्माण का काम शुरू नहीं हो पाया है.
लावारिस पशु बन रहे दुर्घटना का कारण, सरकार मुहैया नहीं करवा पाई शेल्टर
किन्नौर में बेसहारा पशु सड़कों व गलियों में घूमते नजर आ रहे हैं. सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को अब तक सरकार न तो कोई शेल्टर मुहैया करवा पाई है. पशु चारे के लिए भी यहां वहां भटक रहे हैं.
बता दें कि इन दिनों बेसहारा पशु सड़कों व गलियों में घूमते नजर आ रहे हैं. सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को अब तक सरकार न तो कोई शेल्टर मुहैया करवा पाई है. पशु चारे के लिए भी यहां वहां भटक रहे हैं. दिनभर कई आवारा पशु सड़कों के किनारे लगे कूड़े के ढेर में मुंह मारते नजर आते हैं. वहीं, सड़कों पर घूम रहे ये जानवर हादसों का कारण भी बन सकते हैं.
पशुपालन विभाग किन्नौर के कार्यकारी उपनिदेशक डॉक्टर अजय नेगी ने कहा कि बेसहारा पशुओं के लिए जिला किन्नौर के रल्ली व सांगला में गऊशाला का निर्माण किया जा रहा है और जल्द ही पंचायती राज के सभी प्रतिनिधियों व सदस्यों को निर्देश दिए जाएंगे कि बेसहारा पशुओ की देखरेख व इनके आश्रय का इंतजाम किया जाए.