धर्मशाला/कांगड़ा:धर्मशाला के मैक्लोडगंज में रह रहे निर्वासित तिब्बतियों और तिब्बत आजाद छात्र संगठन की ओर से सीपीसी-100 के खिलाफ वीरवार को ग्लोबल सिटी मैक्लोडगंज में आज काला दिवस मनाया गया. बताते चलें कि आज ही के और सौ साल पहले चीन की सीपीसी (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन) अस्तित्व में आई थी, जिसे चीन आज अपने देश में ऐतिहासिक दिन और राष्ट्रीय दिवस के तौर पर सेलिब्रेट कर रहा है.
मगर चीन के आतंक से परेशान हो चुके कुछ देश ऐसे भी हैं जो आज चीन की इस सेलिब्रेशन की खिलाफत करते हुए काला दिवस मना रहे हैं उनमें से निर्वासित तिब्बतियन भी एक हैं. दरअसल इन निर्वासित तिब्बतियों की मानें तो चीन एक ऐसा देश है जहां मानव अधिकार नाम की कोई चीज नहीं है, चीन जो मानव अधिकारों की पैरवी करने का ढोंग रचता है वो महज दिखावा ही है.
तिब्बत आजाद छात्र संगठन की राष्ट्रीय निदेशक रिंजन ने बताया कि आज चीन की ओर से अवैध रूप से हथियाए गए देशों में से तिब्बत समेत हॉन्ग कॉन्ग, तुर्कीस्तान, सर्दन मंगोलिया और ताइवान चीन की दमनकारी नीतियों का विरोध करते हुए दुनियाभर में अपने-अपने अंदाज में खिलाफत दिवस मना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही एक महिला द्वारा तिब्बत की राजधानी ल्हासा में पोटाला के बाहर एक वीडियो बनाई थी जिसमें चीन द्वारा वहां पर की गई कई तरह की कारगुजारियां नजर आ रही हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि मानवधिकारों को लेकर चीन कितना पानी में है.