धर्मशाला:हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आजतिब्बती समुदाय के लोगों द्वारा 64वां राष्ट्र विद्रोह दिवस मनाया गया. इस दौरान तिब्बती समुदाय के लोगों द्वारा चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ मैक्लोडगंज से लेकर धर्मशाला तक रैली निकाली गई और चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई. सभीतिब्बती समुदाय के लोगों ने इस अवसर पर स्वतंत्रता की मांग रखी.
स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत की नेशनल डायरेक्टर रिनझीन ने कहा कि आज वे 1959 में उस दिन को याद कर रहे है. जब साम्यवादी चीनी सरकार ने तिब्बत की राजधानी ल्हासा को एक क्रूर सशस्त्र दमन किया. यह चीन की साजिशों की एक विस्तृत श्रृंखला का एक हिस्सा था. उन्होंने कहा कि आज तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों की चीन की दमनकारी नीतियों का सामना करना पड़ रहा और कई तरह की यातनाओं को सहना पड़ रहा है.
ऐसे में अपने देश की आजादी की जंग में विद्रोह करते हुए कई तिब्बती चीनी सेना ने मार दिए हैं. आज उन बलिदानियों को भी तिब्बती समुदाय याद कर रहा और तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा तिब्बत में चीन वहां की कला संस्कृति व ऐतिहासिक धरोहरों के साथ छेड़छाड़ करके उन्हें समाप्त कर देना चाहता है. तिब्बत में वहां के लोग नरक जैसा जीवन व्यतीत कर रहे हैं.