धर्मशाला:अब देश से टीबी को खत्म करने के लिए डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा को अहम जिम्मेदारी मिली है. मेडिकल कॉलेज ने नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरकुलोसिस (एनआइटीआरडी) चेन्नई के साथ एक रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए साझेदारी की है. उत्तर भारत में टांडा मेडिकल कॉलेज टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए एनआइटीआरडी के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेगा.
प्राचार्य डॉ. भानू अवस्थी ने बताया कि एनआइटीआरडी राष्ट्र के स्वास्थ्य परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो तपेदिक और अन्य फेफड़ों के रोगों से संबंधित अनुसंधान में सबसे आगे है. डब्ल्यूएचओ ने तपेदिक पर्यवेक्षणीय संदर्भ प्रयोगशाला नेटवर्क के तहत संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता दी है.
टांडा मेडिकल कॉलेज का एनआइटीआरडी के साथ मिलकर काम करना बड़े सम्मान की बात है. ग्लोबल फंड की ओर से वित्त पोषित किए जाने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज को देशभर की 6 साइटों में से एक के रूप में चुना गया है. उन्होंने बताया कि परियोजना का उद्देश्य भारत में टीबी का इलाज करने वाले अस्पतालों में तपेदिक रोग की महामारी को रोकने के लिए काम करना है.