कांगड़ा: पुलवामा हमले की आज पहली बरसी है. एक साल पहले आज ही के दिन आतंकियों की कायराना हरकत ने 40 CRPF के वीर जवानों को हमेशा के लिए उनके परिवारों से अलग कर दिया था. इन 40 जवानों में हिमाचल के वीर सपूत तिलक राज भी शामिल थे.
ज्वाली विधानसभा के धेवा गांव के रहने वाले तिलक राज घर से छुट्टी काटकर ड्यूटी के लिए श्रीनगर निकले थे. पर क्या पता था कि ये तिलक राज की अपने परिवार के साथ आखिरी मुलाकात होगी. आतंकी हमले ने माता-पिता से बेटा और पत्नी से सुहाग छीन लिया. दो मासूमों के सर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया.
आज भी परिवार उस मंजर को याद करता है तो दिल सहम उठता है. जवान बेटे की शहादत पर पिता लायक राम को नाज है कि बेटा देश के काम आया. वहीं, माता विमला देवी आज भी अपने लाल की यादों को सीने से चिपकाए है. मां को गम है तो सिर्फ इस बात का की उनका बेटा अब कभी लौट कर नहीं आएगा.