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धर्मशाला में सौर सिंचाई योजना ने बदली किसानों की तकदीर, किसानों को मिला आर्थिक स्वावलंबन - solar irrigation scheme in himachal

हिमाचल प्रदेश में किसानों के लिए किसान सिंचाई योजना शुरू की गई है. जिसका फायदा प्रदेश के किसानों को मिल रहा है. इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश सरकार, प्रदेश के सभी किसानों के लिए सोलर पंप खरीदने के लिए अनुदान राशि प्रदान करती है. जिला कांगड़ा के फतेहपुर उपमंडल के तहत रियाली पंचायत में कई किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. (solar irrigation scheme in himachal) (Solar irrigation scheme in Riyali Panchayat)

बारिश पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए शुरू की गई है सौर सिंचाई योजना.
बारिश पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए शुरू की गई है सौर सिंचाई योजना.

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Published : Feb 27, 2023, 8:21 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 8:40 PM IST

धर्मशाला:हिमाचल प्रदेश में आधे से ज्यादा आबादी का आर्थिकी की सहारा कृषि और बागवानी ही है. वहीं, फसलों की पैदावार अच्छी हो उसके लिए बेहद जरूरी है कि फसल की सिंचाई अच्छे से हो पाए. हिमाचल प्रदेश में भी कृषि क्षेत्र अधिकतर वर्षा पर निर्भर रहता है. ऐसे में कई बार बारिश की कमी और सिंचाई की व्यवस्था का न होना किसान बागवानों के लिए चिंता का विषय बन जाता है. लेकिन ऐसा न हो इसके लिए हिमाचल प्रदेश में किसानों के लिए किसान सिंचाई योजना शुरू की गई है. जिसका फायदा प्रदेश के किसानों को मिल रहा है. इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश सरकार, प्रदेश के सभी किसानों के लिए सोलर पंप खरीदने के लिए अनुदान राशि प्रदान करती है.

जिला कांगड़ा के फतेहपुर उपमंडल के तहत रियाली पंचायत में जहां लोग पानी की कमी के कारण सारा साल बारिश पर निर्भर रहते थे. विशेषकर भयंकर गर्मी के दिनों में उन्हें अपने मवेशियों के साथ-साथ खेतीबाड़ी के लिए पानी की समस्या उठानी पड़ती थी. लेकिन अब कृषि विभाग ने यहां के किसानों की मौसम और बारिश पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए सौर सिंचाई योजना से जोड़ कर जहां उन्हें चिंतामुक्त किया है वहीं, उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत बनाकर उनकी तकदीर बदल दी है. कृषि विभाग की योजनाएं और प्रयास कई मायनों में किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने में कारगर साबित हुए हैं.

धर्मशाला में सौर सिंचाई योजना ने बदली किसानों की तकदीर.

इस योजना का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के किसानों को बिजली बिल से छुटकारा दिलाना है. वहीं, किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सोलर पंप प्रदान करना है ताकि वह खेती करके अपनी आय में वृद्धि कर सकें. फसलों और सब्जियों से लहलहाते खेत क्षेत्र की खूबसूरती को अपने आप बयां कर रहे हैं. भू-संरक्षण विभाग ने फतेहपुर उपमंडल में अब तक सौर सिंचाई योजना के अर्न्तगत खेतों में 106 सोलर ऊर्जा पैनल लगवाए हैं, जिससे जहां किसानों के खेतों तक पानी पंहुच रहा है वहीं, बारिश के पानी पर उनकी निर्भरता भी समाप्त हो गई है. यहां के किसान अपनी जरूरत के अनुसार खेतीबाड़ी व मवेशियों के लिए पानी का उपयोग कर रहे हैं.

इस योजना का लाभ ले रहे अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले किसान केवल सिंह, हेम राज, रमेश चंद और रमेश सिंह बताते हैं कि पहले उन्हें पानी की समस्या से रोज जूझना पड़ता था. यहां कोई प्राकृतिक स्रोत और कूहलों की सुविधा नहीं थी. जिस कारण उन्हें पूरा साल बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता था. इसी वजह से किसान जहां खेतीबाड़ी से पीछे हट रहे थे वहीं, पशुओं के लिए चारे की समस्या भी सताती रहती थी. कमाई का कोई अन्य साधन न होने के कारण उन्हें मेहनत-मजदूरी और खेतीबाड़ी पर ही निर्भर रहकर परिवार का पालन-पोषण करना पड़ता था और बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजारा हो पाता था. लेकिन, इस सुविधा के मिलने से जहां खेतीबाड़ी के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो रहा है वहीं, यहां पर गेहूं, धान, सरसों, तिलहन, दालें, रोंगी की भरपूर फसल हो रही है. इसके अतिरिक्त बंदगोभी और फूलगोभी, खीरा, भींडी, पालक, मटर और चुकन्दर की खेती भी की जा रही है जिनके बाजार में बढ़िया दाम मिल रहे है.

बारिश पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए शुरू की गई है सौर सिंचाई योजना.

उनका मानना है कि लोगों को खेतीबाड़ी, बागवानी और पशुपालन जैसे पैतृक व्यवसाय को अपनाना चाहिए, विशेषकर बेरोजगार युवा आधुनिक तकनीकों को अपना कर खेतीबाड़ी, बागवानी और डेयरी फॉमिंग से जुड़कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये है कि सोलर ऊर्जा पैनल में यूएसपीसी (यूनिवर्सल सोलर पंप कन्ट्रोलर) लगाकर जो सौर ऊर्जा पैदा होगी, उससे जहां आटा चक्की, घास काटने की मशीन, फल एवं सब्जी सुखाने की मशीन, मिनी कोल्ड स्टोरेज तथा डीप फ्रीज आदि चलाई जा सकती हैं वहीं, इन्वर्टर को चार्ज करके घर में बिजली का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी:उप मंडलीय भू-संरक्षण अधिकारी, फतेहपुर राकेश पटियाल का कहना है कि सौर सिंचाई योजना के माध्यम से किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 80 से 85 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जाता है और एक से साढे़ चार लाख रुपये तक वित्तीय मदद की जाती है. किसानों को कृषि विभाग की ऐसी योजनाओं से जुड़कर लाभ लेना चाहिए. उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल का कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खु की सरकार प्रदेश के किसानों, बागवानों व पशुपालकों की आय को बढ़ा कर उनकी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है.

फतेहपुर उपमंडल में योजना के तहत अब तक लगाए गए 106 सोलर ऊर्जा पैनल.

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Last Updated : Feb 27, 2023, 8:40 PM IST

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