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विंग कमांडर अभिनंदन के भारत वापसी पर ये बोले सांसद शांता, इनको दिया सफलता का श्रेय - धर्मशाला

सांसद ने पाकिस्तान को अमन दिशा में काम करने की नसीहत दी है. बता दें कि ये बात सांसद ने पालमपुर कृषि विशवविद्यालय में आयोजित किसान मेले में कहीं

शांता कुमार

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Published : Mar 2, 2019, 11:46 PM IST

धर्मशाला: विंग कमांडर अभिनंदन की भारत वापसी को सांसद शांता कुमार ने भारत और इंसानियत की बड़ी जीत बताया है. उन्होंने पूरी दुनिया को इसकी बधाई देते हुए कहा कि सभी देशों ने अपने स्वार्थ को न देखते हुए अभिनंदन की घर वापसी के लिए प्रयास किया.

जानकारी देते सांसद शांता कुमार

साथ ही सांसद ने पाकिस्तान को अमन दिशा में काम करने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि शांति बहाली के लिए पाकिस्तान को आगे आना चाहिए ताकि बिना वजह से किसी भी घर में मातम का माहौल पैदा न हो. अभिनंदन की घर वापसी का श्रेय सांसद ने पूरे विश्व को दिया है.

शांता कुमार ने कहा की विंग कमांडर अभिनन्दन को वापस लाने में पूरा देश और विश्व भारत के साथ खड़ा रहा और जिसकी बदौलत भारत का बेटा घर वापस आ गया है. उन्होंने कहा कि विश्व स्तर से बने दबाव के कारण पाकिस्तान विवश हो गया था.

शांता कुमार ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा शांति का हाथ बढ़ाया था. इससे पहले अटल बिहारी ने भी बस में सफर कर के पाकिस्तान से शांति की अपील की थी, लेकिन पाकिस्तान हमेशा ही दोहरी चाल चलता आया है और अब अगर फिर भी पाकिस्तान नहीं मानता तो भारत पूरी तरह से तैयार है.

सांसद शांता कुमार

बता दें कि ये बात सांसद ने पालमपुर कृषि विशवविद्यालय में आयोजित किसान मेले में कहीं. इस किसान मेले में जिला भर से किसानों ने भाग लिया और अपनी जमीन पर उगाये गए फल और सब्जियों की प्रदर्शनी भी लगाई. ये सभी खेती जीरो लागत खेती के तहत की गई है.

कृषि विभाग के जिला कांगड़ा प्रदेश कृषि विवि के कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा के संयुक्त तत्वावधान में कृषि विवि पालमपुर में जिला स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया गया. सांसद शांता कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए मेले का उद्घाटन किया. मेले में कृषि विवि के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल भी मौजूद रहे.

मेले में जिला भर से करीब 500 किसानों ने भाग लिया. इस किसान मेले में खासतौर पर जीरो बजट प्राकृतिक खेती उत्पादों को प्रदर्शित किए गए. साथ ही उनके लिए मार्किट की संभावनाएं भी तलाशी गई. मेले में जीरो बजट प्राकृतिक खेती उत्पादों में रूचि रखने वाले व्यवसायियों के साथ एनजीओ के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था जो ऑनलाइन भी इन उत्पादों को बाजार में उतारने को प्रयासरत हैं.

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