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Published : Aug 29, 2020, 4:46 PM IST

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कांगड़ा में गरीबों-वंचितों के कल्याण पर खर्च होंगे 96 करोड़: सरवीण चौधरी

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कांगड़ा जिला में वर्ष 2020-21 में गरीबों-वंचितों के कल्याण पर वर्तमान वित्त वर्ष में 96 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

सरवीण चौधरी
सरवीण चौधरी

धर्मशाला:सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कांगड़ा जिला में वर्ष 2020-21 में गरीबों-वंचितों के कल्याण पर वर्तमान वित्त वर्ष में 96 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

सरवीण चौधरी ने कहा कि ये पैसा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, वृद्धों और दिव्यांगों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान पर खर्च किया जाएगा. सरवीण चौधरी ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में राज्य में सेवा, सम्मान, सुशासन और समग्र विकास की एक नई पहल हुई है.

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सरवीण चौधरी ने कहा कि सरकार का हर निर्णय जन कल्याण की भावना से प्रेरित है और जनता के व्यापक हितों को साधता है. प्रदेश सरकार समाज कल्याण को विशेष प्राथमिकता दे रही है. समाज के पिछड़े एवं कमजोर वर्ग के लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए वर्तमान सरकार अनेकों अहम निर्णय लिए गये हैं.

सरवीण चौधरी ने बताया कि जिला में करीब 90.87 करोड़ रुपये की राशि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत खर्च की जा रही है. उन्होंने बताया जिला में 1,22,045 व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत लाया गया है.

इनमें 81,668 वृद्ध व्यक्तियों को वृद्वावस्था पेंशन योजना, 25213 महिलाओं को विधवा पेंशन योजना, 15068 अपंग व्यक्तियों को अपंग राहत भत्ता और 94 कुष्ठ रोगियों और दो ट्रांसजेंडर को पुनर्वास भत्ता योजना के तहत लाया जा चुका है.

सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से वृद्व व्यक्तियों को प्रतिमाह 850 रुपये, विधवा महिलाओं को एक हजार रुपये, अपंग व्यक्तियों व कुष्ठ रोगियों और ट्रांसजेडरों को 850 रुपये प्रतिमास की दर से पेंशन दी जाती है. इसके अतिरिक्त 70 वर्ष व इससे अधिक आयु के पेंशनरों को 1500 रुपये प्रतिमास की दर से पेंशन दी जा रही है.

सरवीण ने कहा कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही वृद्धजनों को सम्मान देते हुए सामाजिक सुरक्षा पेशन पाने की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया और इसमें कोई आय सीमा भी नहीं रखी गई. इस समय प्रदेश में 70 वर्ष से अधिक आयु के 2.85 लाख से अधिक वृद्धजन 1500 रुपये मासिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं.

कोरोना महामारी के दृष्टिगत 5.69 लाख पेंशनधारकों को सितंबर, 2020 तक पेंशन का अग्रिम भुगतान कर दिया गया है, जिसपर अब तक 424.58 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं. गत अढ़ाई वर्षों में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 1,63,607 नए मामले स्वीकृत किए गए हैं.

वहीं, उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते ग्रामसभा न होने के चलते अब पंचायत की आम सभा से भी वृद्वा, अपंगता और विधवा पेंशन के प्रस्ताव विभाग को भेजे जा सकेंगे. बीपीएल में शामिल होने के बावजूद लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं, उनके हितों को ध्यान में रखते हुए बीपीएल श्रेणी में अब कम इन्कम और वार्षिक आय 35 हजार को भी शामिल किया जाएगा. यही नहीं तहसील कल्याण अधिकारी को क्लॉस-2 गेजटेड ऑफिसर का दर्जा दिया जाएगा.

वहीं, एआरओ के रिक्त पदों को भरने के लिए विचार किया जाएगा. यह बात सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने शनिवार को धर्मशाला में विभाग की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. सरवीण चौधरी ने बताया कि विभाग की ओर से जिला में एक साल में वेल्फेयर के कामों पर 90 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है.

सरवीण चौधरी ने कहा कि जिला कांगड़ा में 1.22 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारक हैं, जिनमें से 60 हजार 53 पेंशनधारक 70 वर्ष की आयु के यानी सीनियर सिटीजन हैं. उन्होंने कहा कि विभाग में मशीनों के लिए काफी पैसा है. ऐसे में विभाग के तहत अन्य पेंशन योजनाओं के लिए यदि बजट की जरूरत होगी तो मशीनों के पैसे को वहां खर्च किया जा सकता है.

सरवीण ने कहा कि पूर्व में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रहते हुए उन्होंने पेंशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया था. यही नहीं जिन माता-पिता की बच्चे देखभाल नहीं करते, उनके लिए प्रपोजल दिया था, जिसके तहत माता-पिता भरण पोषण अधिनियम को प्रदेश में अपनाया गया था. अब केंद्र सरकार भी इस दिशा में कदम उठाने जा रही है.

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