बैजनाथ/कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के रजिस्टर्ड पैराग्लाइडर पायलट और उनके साथ टेंडर उड़ान भरने वाले लोगों की सुरक्षा और सुरक्षित उड़ान बनाने के लिए प्रदेश सरकार दो करोड़ की राशी खर्च करके पायलटों को एसआइवी कोर्स करवाएगी. यह कोर्स बिलासपुर के बंदला में स्थित पैराग्लाइडर साइट में करवाया जाएगा.
शिमला में गुरुवार को कैबिनेट मंत्री गोविंद ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक की गई. इस बैठक में हिमाचल के पंजीकृत पैराग्लाइडर पायलटों को एसआइवी कोर्स करवाने का फैसला लिया गया है. साथ ही पैराग्लाइडर पायलटों की सालाना फीस भी कम की गई है और खेल का संचालन करने वाले व्यक्ति की आयु में छूट देते हुए, इसे 21 वर्ष से 18 वर्ष कर दिया गया है. वहीं, टेंडर उड़ान के लिए 25 किलो वजन का व्यक्ति भी पात्र होगा और 12 वर्ष से कम आयु बच्चे टेंडर उड़ान नहीं भर सकेंगे.
हिमाचल प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून को लागू करने के साथ एचपी एयरो स्पोर्ट्स एसोसिएशन का पूर्ण गठन कर पूरे प्रदेश में ने सदस्यों को इसमें शामिल किया जाएगा. प्रदेश में मनाली कांगड़ा चंबा और बिलासपुर क्षेत्रों में वर्तमान में 1000 से अधिक पैराग्लाइडर पायलट पर्यटन विभाग के पास पंजीकृत हैं. इन सभी पायलटों को क्रमवार तरीके से सुरक्षित उड़ानों को लेकर प्रशिक्षित किया जाएगा
प्रदेश एयरो स्पोर्ट्स एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य एवं भाजपा प्रदेश पर्यटन प्रकोष्ठ सदस्य सतीश अबरोल ने बताया कि इस कोर्स के तहत पूरे प्रदेश के पायलटों को क्रमवार यह प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें पायलटों को किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने में सक्षम बनाने का प्रशिक्षण होगा. जिससे कि वह खुद के साथ-साथ अपने साथ उडान भरने वाले पर्यटकों को भी हादसों से बचाने में सक्षम हो सकेंगे.