धर्मशाला:जिला कांगड़ा के शाहपुर अपने मिट्ठू आमों की बागवानी के लिए प्रसिद्ध है. शाहपुर के आमों की खासियत पर लोकगायकों ने इन्हें अपने अंदाज में बयां करते हुए आम जनमानस में लोकप्रिय बना दिया है. शाहपुर में आमों के साथ अब शाहपुर तहसील के गांव दुरगेला के बागवान पूर्ण चंद ने प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद तीन सालों के भीतर सेबों के साथ कुछ ऐसा प्रयोग कर दिखाया कि अब वह आस-पास के बागवानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं.
प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों में लगाए सेब के पौधे
बता दें पूर्ण चंद ने वर्ष 2018 में प्रदेश के बागवानी विभाग के मार्गदर्शन और सहयोग से सेब का बगीचा लगाया था. उनकी कड़ी मेहनत से दो वर्ष के भीतर पौधों में फल आने शुरू हो गए हैं. पिछले वर्ष लगभग 6 क्विंटल सेब बेचा. सबसे बड़ी बात ये है कि पूर्ण चंद बगीचों में किसी रासायनिक खाद या स्प्रे का प्रयोग नहीं करते. इसके बदले वह विभिन्न तरह की जैविक खाद, जो दालों, किचन वेस्ट, ऑयल सीड, गौमूत्र, गोबर द्वारा बनाई जाती हैं, उसका इस्तेमाल करते हैं. इन जैविक खाद को पूर्ण चंद खुद तैयार करते हैं.
बागवानी विभाग से समय-समय पर मिलता है मार्गदर्शन