कांगड़ा: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को एक साल पूरा हो गया है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. हमले में हिमाचल के कांगड़ा जिले के जवान तिलक राज भी शहीद हो गए थे.
शहीद तिलक राज कांगड़ा जिला के उपमंडल जवाली के धेवा गांव के रहने वाले थे. तिलक राज को शहीद हुए एक साल बीत गया है, लेकिन उनके गाए पहाड़ी गाने आज भी हर कोई सुनकर उन्हें श्रद्धांजलि देता है. शहीद तिलक राज बचपन से ही गाने के अलावा और भी शौक रखते थे.
जब भी तिलक राज घर आते वो अक्सर अपने दोस्तों के साथ गांव में कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन भी करते थे. तिलक राज पहाड़ी गाने तो गाते ही थे वे कबड्डी के राज्यस्तरीय खिलाड़ी भी थे.
तिलक राज का जन्म 2 मई, 1988 को हुआ था. उनके पिता का नाम लायक राज जो मजदूरी करते हैं और माता का नाम विमला देवी है जो गृहणी हैं. तिलक राज की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला धेवा में हुई थी.
घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण तिलक राज ने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. घर को संभालने के लिए उन्होंने फोटोग्राफी का काम शुरू किया था. ज्वाली में फोटोग्राफी का काम सीखने के बाद उन्होंने घर से 10 किलोमीटर दूर दुकान भी चलाई.
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उनके पिरवार के अधिकांश लोग ताया-चाचा के बेटे सेना में हैं ऐसे में उनके अंदर भी देशभक्ति की भावना स्वभाविक थी. साल 2007 में तिलक राज केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) में भर्ती हुए थे.