धर्मशाला: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास वीरों की कहानियों से भरा हुआ है. इसी में एक कहानी वीरभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से भी जुड़ी हुई है. आज ही के दिन 10 मार्च को धर्मशाला में वर्ष 1922 के धर्मशाला सत्याग्रह का शताब्दी समारोह आयोजित (centenary celebration of Dharamshala Satyagraha) किया गया था. वहीं, आज इस सत्यग्रह को शुरू किए हुए पूरे सौ वर्ष पूरे हो चुके हैं, जिसको लेकर ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन द्वारा पीजी कॉलेज धर्मशाला में कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां एसोसिएशन ने पंचम चंद कटोच की धर्मशाला में प्रतिमा स्थापित करने की बात भी कही.
धर्मशाला में 1922 में बहुत बड़ा सत्याग्रह शुरू करने वाले पंचम चंद कटोच सहित अन्य सेनानियों को याद किया गया. आजादी के लिये सत्याग्रह आंदोलन के तहत 60 हजार लोग एकत्रित हुए थे. धर्मशाला कोतवाली बाजार से गगल तक लोग चल कर गए थे, पंचम चन्द धर्मशाला के साथ लाजनी के रहने वाले थे, जहां उनके पिता ने टी-गार्डन लगाया था. इसके बाद एजुकेशन के दौरान ही उन्होंने नॉन कॉपरेशन मूवमेंट (non cooperation movement) में भाग लिया था.