ज्वालामुखी: शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ सात अक्टूबर दिन गुरुवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से हो रहा है. इस दिन ही कलश स्थापना या घट स्थापना होगा और मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. मां दुर्गा की उपासना के नौ दिनों में हर रोज माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है.
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में शारदीय नवरात्र को लेकर देवी मंदिर सजने लगे हैं. मंदिर प्रशासन ने नवरात्रों के मद्देनजर तैयारियां पूरी कर ली हैं. मां ज्वाला की पवित्र ज्योतियों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बाहरी राज्यों से भारी संख्या में नवरात्र में हर साल पहुंचते हैं.
शारदीय नवरात्र को लेकर मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और टेंटों से सजाया गया है. मुख्य पुजारी कपिल शर्मा ने बताया कि नवरात्र में मां ज्वाला के नौ रूपों की पूजा 9 दिनों में के जाएगी. इस बार नवरात्र 9 दिन की बजाए 8 दिन में ही संपन्न होंगे. मान्यता है कि नवरात्रों में किए गए हवन-यज्ञ-पूजा और नौ देवियों की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.