ज्वालामुखी: विश्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में 13 से 22 अप्रैल तक मनाए जाने वाले चैत्र नवरात्रों में इस बार लंगर की व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी. हालांकि, होटल्स और सराय में अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहराने के लिए प्रशासन ने मंजूरी दे दी है. धार्मिक नगरी में नवरात्रों के दौरान जोरदार भीड़ उमड़ती है. इसलिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना सख्ती से लागू किया जाएगा.
माता के गर्भगृह में नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध
गुरुवार को मन्दिर न्यास द्वारा नवरात्रों की व्यवस्थाओं को लेकर बैठक बुलाई गई. बैठक में नवरात्रों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतरिक्त पुलिस बल मंगवाने और यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष प्रबंध करने की सहमति हुई. मन्दिर में श्रद्धालुओं द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ झुंडों में चलने की पूरी पाबंदी रहेगी. हालांकि, श्रद्धालु भोग प्रसाद मन्दिर तक ले जा पाएंगे. लेकिन माता के गर्भगृह में नारियल के चढ़ावे पर प्रतिबंध रहेगा.
मंदिर परिसर में भिखारियों पर बढ़ेगी सख्ती
प्रशासन ने तय किया है कि मन्दिर गर्मियों की समय सारिणी के अनुसार खुलेगा और बन्द होगा. लेकिन भीड़ बढ़ी तो माता के कपाट 24 घंटे खोलने से भी प्रशासन पीछे नहीं हटेगा. कोई भी श्रद्धालु किसी तरह का तेजधार हथियार मन्दिर परिसर तक नहीं ले जा सकता. नवरात्रों में क्योंकि मुंडन इत्यादि की भीड़ रहती है तो कोविड के कारण मुंडन ग्रह में भी सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन किया जाएगा. प्रशासन ने तय किया है कि नवरात्रों में भीड़ के बीच श्रद्धालुओं से जबरन भिक्षा मांगने वालों पर सख्ती से निपटा जाएगा. सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी भिखारी मन्दिर परिसर या नगर में नजर ना आए.