ज्वालामुखी: केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिलाने का दावा कर रही है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में गरीब परिवार पुराने और कच्चे मकानों में जान हथेली पर रखकर रहने को मजबूर हैं. ऐसा ही कुछ ज्वालामुखी क्षेत्र के खुंडिया तहसील के अंतर्गत भटवाल गांव में देखने को मिला है, जहां प्रकाश चंद अपनी 74 वर्षीय बीमार मां रोशनी देवी के साथ कच्चे मकान में रहने को मजबूर है.
घर के गिरने का खतरा
बीपीएल में शामिल इस परिवार को आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना या दूसरी किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है. यहां तक कि घर में शौचालय तक नहीं है. घर की दीवारें इतनी कमजोर हैं कि बरसात में हर समय गिरने का खतरा बना रहता है. प्रकाश चंद को चलने में दिक्कत है. वहीं, उनकी मां ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. इन दोनों के अलावा इनके घर पर कोई भी नहीं है.
दूसरों के घरों में काम कर चलता है गुजारा
प्रकाश चंद के पिता तहल सिंह का 13 साल पहले निधन हो गया था. इसके बाद ये परिवार जैसे तैसे लोगों के घरों में काम करके दो वक्त के खाने का गुजारा करता है. इतने सालों से कई सरकारें आई और गई, लेकिन आज दिन तक किसी ने इनकी सुध नहीं ली और न ही कोई इनकी मदद करने के लिए कोई आगे आया है.