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धर्मशाला में बाल अधिकारों के उल्लंघन संबंधी शिकायतों पर हुई सुनवाई, विभागीय अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश

शिकायतें सुनने और उनका निपटारा करने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने कहा कि बाल हितों को ध्यान में रखते हुए उनके संरक्षण में अधिकारियों को व्यक्तिगत संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए.

NCRC member held a meeting in Dharamsala.

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Published : Jun 29, 2019, 1:14 PM IST

धर्मशालाः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने धर्मशाला के उपायुक्त कार्यालय के सभागार में बैठक की. जिसमें उन्होंने कांगड़ा जिला के अतिरिक्त चंबा और ऊना जिले से संबंधित बाल अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों पर सुनवाई की.

इस दौरान बेंच के सामने बाल अधिकारों के उल्लंघन के संबंध में सुनवाई के लिए कुल 26 शिकायतें आई. जिसमें से कांगड़ा जिला से संबंधी 17 शिकायतें प्राप्त हुईं, जबकि जिला ऊना से 6 और चंबा से 3 मामले सुने गए.

बेंच ने प्राप्त शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को इन मामलों पर समयबद्व अवधि में निपटारा करने के सख्त निर्देश दिए. यशवंत जैन ने बताया कि आयोग के दो-दो सदस्यीय बेंच देश के अन्य राज्यों में भी बाल हित के मामलों में प्राप्त शिकायतों पर सुनवाई कर रहे हैं. इस प्रकार के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य बाल हितों की पूर्ण रक्षा सुनिश्चित बनाना है.

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उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्शुअल बर्ताव पॉक्सो एक्ट के दायरे में आता है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसा मामला ध्यान में आने पर तुरन्त पुलिस को सूचना देकर एफआईआर दर्ज करवाने की प्रक्रिया अमल में लाई जाए. ऐसे मामलों को जानबूझ कर छुपाने या इसमें देरी करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई के साथ सजा का प्रावधान है.

इसके अतिरिक्त वाहन चालकों और बस सहायक की अनिवार्य तौर पर पुलिस वेरिफिकेशन करवाने पर भी कार्रवाई की जाए. यह निर्देश धर्मशाला में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने डीसी कार्यालय में अधिकारियों को दिए.

उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को प्राइवेट स्कूलों में गरीब परिवारों के 25 प्रतिशत बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने सहित उनके द्वारा वसूली जाने वाली स्कूल फीस पर भी कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए.

उन्होंने सभी अधिकारियों से उनके क्षेत्र में निवास करने वाले बाहरी राज्यों के लोगों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए. क्षेत्र में भिखारियों की बढ़ती हुई संख्या के मामलों पर प्रशासन और पुलिस विभाग को नियमित तौर पर चेकिंग करने व ऐसी गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने के भी निर्देश दिए. विशेषकर प्रवासी बच्चों द्वारा भीख मांगने या उनके नाम पर भीख मांगने वाली औरतों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.

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