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'अफसरशाही' में दफन हो गए ज्वाला जी फव्वारे के संगीतमय स्वर, 1996 में हुआ था निर्माण

तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 1996 इस फव्वारे का उद्धाटन किया था. लेकिन प्रशासकीय लापरवाही के चलते संगीतमय फव्वारे को बंद पड़े अरसा बीत गया है. स्थानीय लोगों ने इसके पुनः निर्माण के कई बार प्रयास किये. लेकिन प्रशासन की ओर हर बार झूठा आश्वासन मिला.

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Published : Jun 24, 2019, 6:09 PM IST

Musical fountain is losing identity in Jwala ji

ज्वालामुखी/कांगड़ा: ज्वाला जी में अफसरों की लापरवाही के चलते यहां की एक विशिष्ट पहचान बना चुके संगीतमय के स्वर अब दफन हो गये हैं. यहां पर पूर्व में एक माली इस फव्वारे और इसके साथ लगे रंग बिरंगे फूलों की देखभाल किया करता था लेकिन उसके जाने के बाद फव्वारे और पार्क का अस्तित्व भी समाप्त हो गया है.

डांसिंग फाउंटैन के नाम से प्रख्यात संगीतमय फव्वारे का उद्घाटन 1996 को तत्कालीन प्रदेश मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था. आकर्षक विशेषताओं के कारण फव्वारे की प्रसिद्धि दूर-दूर फैली थी. ज्वाला जी में माता का दर्शन करने के लिए आने वाले सभी पर्यटक एक बार जरूर इस फव्वारे वाले पार्क में आते थे. लेकिन एक ओर जहां मंदिर ट्रस्ट में लाखों का चढ़ावा चढ़ता है वहीं दूसरी ओर यहां का प्रशासकीय कार्य देखने वाले पदाधिकारी यहां पर फव्वारे के बारे उपेक्षा से भरा व्यवहार कर रहे हैं.

यही नहीं, यहां आने वाले श्रद्धालु तो आज भी इस फव्वारे को ढूंढते हैं और अपने पुराने सुखद अनुभवों का स्मरण करते हैं लेकिन प्रशासन को इन सब से कोई लेना देना नहीं है. यही कारण है कि मंदिर का प्रख्यात संगीतमय फव्वारा आज भी अपने अस्तित्व को खोज रहा है. लोगों की मंदिर प्रशासन से गुहार है कि वे जल्द ही अपनी कुंभकरणी नींद से जागे और इसके पुनः संचालन की ओर ध्यान दें.

फव्वारे वाले पार्क की भी है दुर्दशा
संगीतमय डांसिग फांउटेंन वाले पार्क की भी अब भारी दुर्दशा हो गयी है. लोगों का कहना है कि एक समय था कि जब इस हरे भरे इस पार्क में एक अद्भुत रौनक विद्यमान रहती थी लेकिन आज यह एकदम उजाड़ हो गया है. इस पार्क में हर समय फूलों की खुशबू महकती रहती थी और यहां पर हरी घास पर संगीत की लहरियों में टहलना अपने आप में एक विलक्षण ही अनुभव रहता था. लेकिन आज यहां पर हरी घास समाप्त हो गयी है. चारों ओर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है. हैरत है कि हाल ही में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने यहां एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया था. इस बीच इस संगीतमय फव्वारे के साथ पार्क की खूब सफाई भी की गई थी, लेकिन उसके बाद फिर हालात पहले की तरह ही यहां देखने को मिल रहे. जब भी कोई व्यक्ति यहां से गुजरता है तो बस उसके मुंह से एक ही बात निकलती है की मन्दिर के पैसे की बर्बादी की एक दास्तान आज फिर अचानक दिख गई.

प्रशासन की ओर से हर बार मिला झूठा आश्वासन
प्रशासकीय लापरवाही से संगीतमय फव्वारे के बंद पड़ने के बाद यहां पर स्थानीय लोगों ने इसके पुनः निर्माण के कई बार प्रयास किये. लेकिन प्रशासन की ओर हर बार झूठा आश्वासन मिला. नतीजा यह रहा कि इसको बंद पड़े एक लंबा अरसा हो गया है लेकिन न तो किसी अधिकारी ने इसकी सुध ली और न ही मंदिर ट्रस्ट की ओर से इस दिशा में कोई प्रयास किया गया. इसका नतीजा यह हुआ है कि आज संगीतमय डांसिंग फव्वारा अपना अस्तित्व खो चुका है.

क्या कहते स्थानीय भाजपा विधायक रमेश धवाला
ज्वालाजी विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय भाजपा विधायक रमेश ध्वाला ने कहा कि संगीतमय फव्वारे के लिए बजट का प्रावधान किया गया है और इसके निर्माण का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा. काफी समय से संगीतमयी फव्वारे को लेकर चली आ रही लोगों की मांग को देखते हुए दोबारा इसे शुरू किया जा रहा है.

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