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Published : May 31, 2023, 9:15 AM IST

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कांगड़ा में 6 और 8 जून को मेगा मॉक ड्रिल: आपदा आने पर तैयारियों और कमियों का लगाया जाएगा पता

कांगड़ा में 6 और 8 जून को बाढ़ आपदा प्रबंधन पर मेगा मॉक अभ्यास किया जाएगा. इस दौरान तैयारियों और कमियों का पता लगाया जाएगा, ताकि आपदा आने की स्थिती को लेकर पूरी तैयारी की जा सके.

कांगड़ा में 6 और 8 जून को मेगा मॉक अभ्यास
कांगड़ा में 6 और 8 जून को मेगा मॉक अभ्यास

धर्मशाला:कांगड़ा जिले में बाढ़ आपदा प्रबंधन पर 6 जून को टेबल टॉप अभ्यास होगा और 8 जून को जिले में चिन्हित जगहों पर बाढ़ से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर बचाव-राहत कार्यों का मॉक अभ्यास किया जाएगा. इसे लेकर मंगलवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पदाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांगड़ा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जुड़े सभी अधिकारियों को मेगा मॉक अभ्यास को लेकर जानकारी दी.

जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने मेगा मॉक अभ्यास को लेकर बताया कि इसका मकसद बाढ़ जैसी स्थिति में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना है. साथ ही विभिन्न विभागों के आपातकालीन सहायता कार्यों के बीच समन्वय बढ़ाने और विभिन्न हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से अवगत कराने पर फोकस किया जाएगा.

जिलाधीश ने कहा कि मेगा मॉक अभ्यास के जरिये जिला प्रशासन लोगों को तो शिक्षित करेगा ही बाढ़ की स्थिति में आपदा प्रबंधन की अपनी तैयारियों की समीक्षा और कमियों का विश्लेषण भी करेगा बाढ़ आपदा प्रबंधन पर नकली अभ्यास के दौरान बाढ़ के दौरान खोज और बचाव कार्यों का व्यावहारिक प्रदर्शन किया जाएगा.उन्होंने कहा यह मॉक अभ्यास वास्तविक आपात स्थिति की तरह ही किया जाएगा. इससे जिला आपदा प्रबंधन योजना के अलावा विभागों की अपनी आपदा प्रबंधन योजना की भी समीक्षा होगी.

हमें अपनी कमियों का अंदाजा होगा, साथ ही तैयारियों में अंतर का भी पता चलेगा. इसके अलावा संसाधनों के उपयोग और संचार आदि की कमियों तथा तैयारियों का भी पता चलेगा. इससे सीख लेकर जिला आपदा प्रबंधन योजना को और पुख्ता बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि मॉक अभ्यास के माध्यम से जिला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों व क्षमताओं का गहन आकलन एवं विश्लेषण किया जाएगा. इस दिन जिले में बाढ़ से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर मॉक अभ्यास किया जाएगा, जिसमें सेना, अर्धसैनिक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी केंद्रीय एजेंसियों के अलावा जिला के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी हिस्सा लेंगे.

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