ज्वालामुखी: विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी के कपाट अभी श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोले गए हैं. मंदिर में माथा टेकने आने वाले श्रद्धालुओं से ही ज्वालामुखी शहर के दुकानदारों की रोजी-रोटी चलती थी, लेकिन कोरोना काल में श्रद्धालुओं के मंदिर आने पर प्रतिबंध है. ऐसे में दुकानदारों की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है.
अनलॉक-2 में अभी कई दुकानें बंद हैं. सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार देश के कई राज्यों में मंदिर खोल दिए गए हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक देवभूमि हिमाचल के मंदिरों को खोलने का निर्णय नहीं लिया है. मंदिर ना खुलने से धार्मिक स्थलों में अपनी रोजी-रोटी चला रहे दुकानदारों को भारी नुकसान हो रहा है.
दुकानदारों का कहना है कि वे रोज घर से आकर दुकानें खोल रहे हैं, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे हैं. ग्राहक घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात सुधरने वाले नहीं है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार आने वाले दिनों में शुभ कार्य नहीं होंगे. उन्होंने लाखों रुपये बैंकों से कर्ज लेकर अपने काम धंधे चलाए हैं.
अनलॉक-वन में दुकानें खोलने वाले कारोबारियों का कारोबार भी मात्र दस फीसदी रह गया है. मंदी के दौर से निकलना काफी मुश्किल लग रहा है. दुकानदारों को सरकार से उम्मीद है कि उनकी कुछ ना कुछ सहायता की जाएगी. दुकानदारों ने गुहार लगाई है कि कोरोना संकटकाल के दौरान ऋण का ब्याज माफ किया जाए.
ये भी पढ़ें:सेब सीजन में मजदूर न मिलने से बागवानों की बढ़ी चिंता, वन मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन