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Krishna Janmashtami 2023: यहां होती है श्री कृष्ण संग मीरा की पूजा, बेहद रोचक है श्री बृज राज स्वामी मंदिर का इतिहास - नूरपुर के बृज राज स्वामी मंदिर में जन्माष्टमी

हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर विशेष धूम है. नूरपुर के श्री बृजराज स्वामी मंदिर में धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जा रही है, जिसकी शुरूआत आज शोभायात्रा निकालने के बाद हुई है. माना जाता है यहां भगवान श्री कृष्ण व मीरा बाई की साक्षात मूर्तियां हैं. इस मंदिर का इतिहास बेहद रोचक है. (Krishna Janmashtami 2023) (Shri Brij Raj Swami Temple in Nurpur)

Shri Brij Raj Swami Temple in Nurpur
नूरपुर का बृज राज स्वामी मंदिर

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 6, 2023, 2:24 PM IST

नूरपुर के बृज राज स्वामी मंदिर में जन्माष्टमी

धर्मशाला: देशभर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है. हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में भी धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. कांगड़ा जिले के नूरपुर में श्री बृजराज स्वामी मंदिर में जन्माष्टमी को लेकर विशेष धूम है. नूरपुर में राज्य स्तरीय जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जा रहा है. ये मंदिर नूरपुर में स्थित राजा जगत सिंह के किले में विद्यामान है. माना जाता है कि नूरपुर स्थित श्री बृजराज स्वामी मंदिर हिमाचल प्रदेश में एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां श्री कृष्ण व मीरा की मूर्तियां एक साथ विराजमान हैं.

श्री बृजराज स्वामी मंदिर का इतिहास: सौंदर्य से परिपूर्ण एक टीलेनुमा जगह पर स्थित यह नगर यानी की नूरपुर कभी राजपूत राजाओं की राजधानी हुआ करती थी. यहीं पर नूरपुर किले में श्री बृजराज स्वामी मंदिर है. श्री बृजराज स्वामी मंदिर के इतिहास की कथा बेहद रोचक है. बताया जाता है कि (1619 से 1623 ई.) नूरपुर के राजा जगत सिंह अपने राज पुरोहित के साथ चित्तौड़गढ़ के राजा के निमंत्रण पर उनके वहां गए थे. राजा जगत सिंह व उनके राज पुरोहित को रात में विश्राम के लिए महल में जहां ठहराया गया, उसके साथ में एक मंदिर था. रात के समय राजा को उस मंदिर से घुंघरूओं और संगीत की आवाजें सुनाई दी. राजा ने जब मंदिर में झांक कर देखा तो उन्हें कमरे में श्री कृष्ण की मूर्ति के सामने उनकी एक भक्त नाचते-गाते हुए दिखाई दी.

बृज राज स्वामी मंदिर में जन्माष्टमी की धूम

श्री कृष्ण व मीरा की साक्षात मूर्तियां: इसके बाद राजा ने सारी बात अपने राज पुरोहित को बताई. राज पुरोहित ने राजा जगत सिंह को बताया कि वह भक्त कोई और नहीं मीरा बाई ही थी. उन्होंने राजा जगत सिंह को घर वापिसी पर चितौडगढ़ के राजा से इन मूर्तियों को उपहार स्वरूप मांग लेने का सुझाव दिया, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण व मीरा की यह साक्षात मूर्तियां हैं. चितौड़गढ़ के राजा ने भी खुशी-खुशी उपहार स्वरूप राजा जगत सिंह को श्री कृष्ण व मीरा बाई की मूर्तियां और मौलश्री का एक पेड़ दिया.

दरबार-ए-खास को बनाया मंदिर: जिसके बाद नूरपुर के राजा ने अपने दरबार-ए-खास को मंदिर का स्वरूप देकर इन मूर्तियों को वहां पर स्थापित करवा दिया. राजस्थानी शैली की काले संगमरमर से बनी भगवान श्रीकृष्ण व अष्टधातु से बनी मीरा बाई की मूर्ति आज भी नूरपुर किले के अंदर ऐतिहासिक श्री बृजराज स्वामी मंदिर में शोभायमान है. इसके अलावा मंदिर में राजा जगत सिंह द्वारा करवाए गए कृष्ण लीलाओं के चित्रण आज भी यहां की शोभा को बढ़ाते हैं.

बृज राज स्वामी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

श्री बृजराज स्वामी मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव: हर साल श्री बृजराज स्वामी मंदिर में हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा व जम्मू-कश्मीर से हजारों श्रद्धालु आते हैं और मंदिर में शीश झुकाते हैं. प्रेम व आस्था के संगम के प्रतीक इस मंदिर का नूर जन्माष्टमी को छलक उठता है, जब यहां पर दिन-रात श्रद्धालुओं की भारी भीड़ श्री कृष्ण भगवान और मीरा बाई के दर्शनों के लिए उमड़ती है. जिला प्रशासन द्वारा श्री बृजराज स्वामी मंदिर में इस साल 6 और 7 सितंबर को राज्य स्तरीय श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन करवाया जा रहा है. जिसका शुभारंभ 6 सितंबर यानी आज भव्य शोभायात्रा से हुआ. गौरतलब है कि इस बार जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जाएगी.

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