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KCC बैंक का NPA बढ़ने पर चेयरमैन बोले- हमें पूरा विश्वास, जल्द मिलेगी हमें मंजिल

केसीसी बैंक ने लगभग 100 करोड़ रुपये का एनपीए कम किया गया है, जो कि बैंक की अभी तक की उपलब्धि मानी जा सकती है. विभिन्न 50 कंपनियों की वजह से केसीसी बैंक का एनपीए बढ़ा है.

KCC Bank

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Published : Jul 18, 2019, 5:56 PM IST

धर्मशाला: नॉन परफार्मिंग एसेट (एनपीए) केवल केसीसी बैंक में ही नहीं, बल्कि ये ग्लोबल प्रॉब्लम है. विभिन्न 50 कंपनियों की वजह से केसीसी बैंक का एनपीए बढ़ा है.

केसीसी बैंक चेयरमैन ने की प्रेसवार्ता

केसीसी बैंक के चेयरमैन राजीव भारद्वाज ने प्रेसवार्ता कर बताया कि हमने जब बैंक का कार्यभार संभाला था, उस समय बैंक का एनपीए 933.21 करोड़ था. इसमें पिछले तीन महीने में कमी आई है और एनपीए 834.23 करोड़ तक पहुंचा है. आगामी महीनों में इसमें और कमी लाई जाएगी, इसके लिए बैंक प्रबंधन कार्य कर रहा है.

राजीव भारद्वाज ने कहा कि कई बड़े बैंकों में हजार करोड़ रुपये का एनपीए है, लेकिन हम इससे पल्ला नहीं झाड़ सकते. केसीसी बैंक ने लगभग 100 करोड़ रुपये का एनपीए कम किया गया है, जो कि बैंक की अभी तक की उपलब्धि मानी जा सकती है. ये केवल एक आयाम है, मंजिल अभी दूर है, लेकिन हमें विश्वास है कि बैंक एनपीए को जल्द कम कर लेगा.

केसीसी बैंक
बैंक चेयरमैन ने कहा कि बैंक स्टाफ के लिए आज नई प्रतियोगिता योजना शुरू की गई है. हमारी स्केल एक से लेकर स्केल छह तक शाखाएं हैं, उसमें बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अलग-अलग पैरामीटर सेट किए हैं. बैंक अधिकारी और कर्मचारी उन पैरामीटर को पूरा करते हैं तो बैंक शाखाओं के लिए अलग-अलग राशि के पुरस्कार रखे गए हैं.

प्रतियोगिता के तहत बैंक द्वारा कुल 11 लाख 98 हजार रुपये के पुरस्कार दिए जाएंगे, इससे अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा. आज शुरू की गई प्रतियोगिता में एनपीए को प्राथमिकता पर रखा है, जो अधिकारी एनपीए को कम करने में काम करेगा, उसे सम्मानित भी किया जाएगा और पुरस्कार भी दिया जाएगा.

बैंक चेयरमैन बोले कि ग्राहकों के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं. बैंक का शताब्दी वर्ष चल रहा है, इस वर्ष में ग्राहकों के लिए जो योजनाएं लाई जा रही हैं, वो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होंगी. इन योजनाओं को सीएम के कर कमलों द्वारा शुरू करवाया जाएगा, जिसके लिए सीएम को जल्द बुलाया जाएगा.

केसीसी बैंक के चेयरमैन राजीव भारद्वाज

क्या है नॉन परफॉर्मिंग एसेट
जब कोई देनदार अपने बैंक को ईएमआई देने में नाकाम रहता है, तब उसका लोन अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) कहलाता है. नियमों के हिसाब से जब किसी लोन की ईएमआई, प्रिंसिपल या इंटरेस्ट ड्यू डेट के 90 दिन के भीतर नहीं आती है तो उसे एनपीए में डाल दिया जाता है. इसे ऐसे भी लिया जा सकता है कि जब किसी लोन से बैंक को रिटर्न मिलना बंद हो जाता है. तब वह उसके लिए एनपीए या बैड लोन हो जाता है.

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