कांगड़ा: कांगड़ा जिला अब हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल बनने जा रहा है. प्रदेश में पहले चरण में बनने वाले 15 राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों में से 8 स्कूल कांगड़ा जिले को मिले हैं. सरकार ने कांगड़ा के लिए 40 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान के साथ प्रशासनिक स्वीकृति देते हुए, इस साल के लिए 12 करोड़ रुपये की व्यय मंजूरी प्रदान की है.
बता दें, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल बनाने की घोषणा की है. इसे लेकर पहले चरण में प्रदेश में 15 विधानसभा क्षेत्रों में यह स्कूल बनाने को मंजूरी दी गई है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने 75 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है तो वहीं, चालू वित्त वर्ष के लिए 22.50 करोड़ रुपये की व्यय मंजूरी प्रदान की है. इनमें से 8 स्कूल कांगड़ा को मिले हैं.
पहले चरण में यहां खुलेंगे डे बोर्डिंग स्कूल: पहले चरण में पालमपुर के कमलेहड़, जयसिंहपुर के सौल बनेहड़, शाहपुर के डोहब, नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के रनूह, ज्वाली विधानसभा के ठंगर, ज्वालामुखी के लाहड़ू, फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मंजार और जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के कुड़ना/रक्कड़ में राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण किया जाएगा.
समग्र शिक्षा का बनेंगे केंद्र: पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष एवं नगरोटा बगवां के विधायक आरएस बाली ने कांगड़ा जिले को 8 स्कूलों के उपहार के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया. उन्होंने कहा कि सीएम के विजन से कांगड़ा जिला चहुंमुखी विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है. इन डे बोर्डिंग स्कूल कांगड़ा में शिक्षा के मूलभूत ढांचे को और मजबूत करेंगे. इसके साथ ही ये स्कूल सांस्कृतिक, पुरातन, आधुनिक और तकनीकी खोज के साथ समग्र शिक्षा का विशेष केंद्र बनेंगे.
ज्ञान पटल पर चमकेगा हिमाचल: वहीं, मुख्य संसदीय सचिव, शिक्षा, आशीष बुटेल ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताते हुए कहा कि हिमाचल का भविष्य शिक्षा से ही उज्ज्वल होगा. इसके लिए प्रदेश में खोले जा रहे राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल महात्वपूर्ण होंगे और इससे राज्य को ज्ञान पटल पर नए आयाम के साथ स्थापित करेंगे.
लैंड ट्रांसफर में सबसे आगे रहा कांगड़ा: उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा के लिए जो घोषणाएं की हैं, उन कार्यों को प्राथमिकता पर किया जा रहा है. बता दें की डे बोर्डिंग स्कूलों के लिए कांगड़ा जिला प्रशासन लैंड ट्रांसफर में सबसे आगे रहा है. इसी के चलते पहले चरण में 15 में से 8 स्कूल कांगड़ा जिले को मिले हैं.
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