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धर्मशाला: इंटर यूनिवर्सिटी महिला पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का शुभारंभ, देश भर की 150 टीमें ले रहीं भाग

धर्मशाला के इंडोर स्टेडियम में आज इंटर यूनिवर्सिटी वुमन पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ. इस प्रतियोगिता में देश भर से आई 150 टीमों की 1200 महिला पावर लिफ्टर भाग ले रही हैं. प्रतियोगिता का आयोजन 12 मार्च तक किया जाएगा, जिसमें विजेता टीमों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा.

इंटर यूनिवर्सिटी महिला पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप
इंटर यूनिवर्सिटी महिला पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप

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Published : Mar 9, 2023, 6:22 PM IST

कांगड़ा:धर्मशाला के इंडोर स्टेडियम में आज शुरु हुई इंटर यूनिवर्सिटी वुमन पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में देश भर से आई 150 टीमों की 1200 महिला पावर लिफ्टर भाग ले रही हैं. प्रतियोगिता का आयोजन 12 मार्च तक किया जाएगा, जिसमें विजेता टीमों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा. यह पहला मौका है जिसमें भारतीय विश्वविद्यालय संघ को इंटर यूनिवर्सिटी पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित करने का अवसर मिला है. इससे पहले भी एआईयू को पिछले साल दो खेलों के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई थी. वुमन पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता के चार दिनों में सीनियर वर्ग में महिला 47 किलोग्राम वर्ग, 52 किलोग्राम वर्ग, 57 किलोग्राम वर्ग, 63 किलोग्राम वर्ग, 69 किलोग्राम वर्ग, 76 किलोग्राम वर्ग, 84 किलोग्राम वर्ग और 84 प्लस किलोग्राम वर्ग की प्रतियोगिताएं होंगी.

प्रतियोगिता का शुभारंभ करने के बाद हिमाचल सरकार में कृषि एवं पशु पालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रकाश बंसल को बधाई देते हुए कहा कि धर्मशाला और हिमाचल के लिए ये गर्व की बात है की इस प्रतियोगिता का आयोजन यहां करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा यह एक अच्छा प्रयास है कि खेलकूद को भी पढ़ाई का हिस्सा बनाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, तो हमारा मन भी स्वस्थ रहेगा और पढ़ाई में हमरा ध्यान भी बेहतर तरीके से केंद्रित हो पाएगा.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्विद्यालय इस प्रयास को जारी रखे और आने वाले समय में भी इस तरह के खेलों का आयोजन करता रहे. उन्होंने कहा कि इस आयोजन से भारत को अच्छे वेटलिफ्टर मिल सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि धर्मशाला, शाहपुर या देहरा में जहां-जहां भी जगह चयनित की गई थी, वहां पर भाजपा सरकार को केंद्रीय विश्वविद्यालय चलाना चाहिए था. लेकिन, 12 साल का समय बीत गया और केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थायी कैंपस तक नहीं बना पाया.

उन्होंने कहा कि यह सरकारों की नाकामी के चलते हुआ है. मौजूदा समय में हम शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े हुए हैं. पूर्व की सरकारों ने शिक्षण संस्थानों के साथ हमेशा मजाक ही किया है. उन्होंने कहा कि किराये के ऊपर कब तक यूनिवर्सिटी को चलाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जगह-जगह यूनिवर्सिटी के कैंपस बनाए गए हैं, लेकिन अफसोस कि बात है कि कोई स्थायी कैंपस हमारे पास नहीं है. उन्होंने कहा कि जल्द सभी विधायक एक होकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के मुद्दे को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष रखेंगे.

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