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हिमाचल में इलेक्ट्रिक बसों से HRTC को प्रति किलोमीटर मिलेगा 25 रुपए का लाभ, एक बार चार्ज करने पर दौड़ेगी 150KM

हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने की दिशा में कार्य जोर-शोर से चल रहा है. वहीं, अब 15 इलेक्ट्रिक बसें धर्मशाला पहुंच चुकी हैं. एचआरटीसी के एमडी संदीप कुमार ने बस चलाकर इसका ट्रायल शुरू किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के जरिए एचआरटीसी को प्रति किलोमीटर 25 रुपए का लाभ मिलेगा. (electric bus trial in dharamshala)

electric buses in himachal
हिमाचल में इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल

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Published : Apr 21, 2023, 7:27 PM IST

Updated : Apr 21, 2023, 8:12 PM IST

धर्मशाला में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल.

धर्मशाला: स्मार्ट सिटी के तहत खरीदी गई 15 इलेक्ट्रिक बसें धर्मशाला पहुंच चुकी हैं, जिन्हें विभिन्न क्षेत्रों में चलाया जाएगा. एचआरटीसी के एमडी संदीप कुमार ने धर्मशाला पहुंची इलेक्ट्रिक बसों को स्वयं चलाकर इसका ट्रायल किया. बता दें कि इन इलेक्ट्रिक बसों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 20 अप्रैल (वीरवार) को हरी झंडी दिखाने वाले थी, लेकिन खराब मौसम के चलते मुख्यमंत्री का दौरा रद्द हो गया.

एचआरटीसी के एमडी संदीप कुमार ने कहा कि जल्द ही नए कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर कांगड़ा की जनता को समर्पित करेंगे. उन्होंने कहा कि एक बस की कीमत 1.25 करोड़ के करीब है और इन बसों की ड्राइव रेंज 150 किलोमीटर है. एचआरटीसी के एमडी संदीप कुमार ने धर्मशाला में कहा कि एचआरटीसी की डीजल बस एक लीटर में 3.5 किलोमीटर चलती है, जिस पर 30-35 रुपए डीजल का खर्च आता है और एक डीजल बस की ऑपरेशन कॉस्ट 57 रुपए के करीब पड़ती है, जबकि इलेक्ट्रिक बस में प्रति किलोमीटर 33 रुपये खर्च आएगा.

इलेक्ट्रिक बसों का एचआरटीसी के एमडी संदीप कुमार ने बस चलाकर ट्रायल शुरू किया.

उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इलेक्ट्रिक बस से 24-25 रुपए का फायदा होगा. एमडी एचआरटीसी ने कहा कि सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू का विजन है कि प्रदेश में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक बसें व अन्य वाहन हों, ऐसे में भविष्य में यह तय किया जाएगा कि कितनी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक में रिप्लेस किया जा सकता है.

लेक्ट्रिक बस में प्रति किलोमीटर 33 रुपये खर्च

उन्होंने कहा कि यह इलेक्ट्रिक बसें शॉर्ट डिस्टेंस की हैं, जो कि एक बार चार्ज होकर 150 किलोमीटर चलती हैं, जबकि डीजल बसें प्रतिदिन 200 से 225 किलोमीटर का सफर तय करती हैं, जो कि लॉन्ग डिस्टेंस की बसें हैं. संदीप कुमार ने कहा कि हमारी स्पेसिफिकेशन रिक्वायरमेंट के आधार पर यदि कोई कंपनी ऐसी बसें बनाकर देती है, जिसमें ग्राउंड क्लीयरेंस अच्छी हो, बॉडी सही हो, सीटें ठीक हों और लगेज रखने की उचित व्यवस्था हो, तो उस पर विचार किया जाएगा.

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Last Updated : Apr 21, 2023, 8:12 PM IST

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