धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ अब सूबे के बच्चों को संस्कारी शिक्षा कैसे दी जाए, इस दिशा में भी शिक्षा बोर्ड ने एक कदम और आगे चाल चल दी है. शिक्षा बोर्ड की ओर से अब हर स्कूलों में सुबह की सभा में कुलगीत बजाने का फैसला लिया है. इसके साथ ही हिमाचल के पर्यावरण और इस प्रदेश की खूबसूरती समेत यहां की सभ्यता और संस्कृति से ओतप्रोत कुछ प्रार्थनाएं भी शिक्षा बोर्ड ने तैयार की हैं, जिन्हें इस बार के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जरिए शिक्षा बोर्ड रिलीज करेगा.
इसके साथ शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने ये भी फैसला लिया है कि अब प्रदेश की दूसरी राजभाषा संस्कृत में भी शिक्षा बोर्ड के दस्तावेजों और पत्रों को निकाला जाए. बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुरेश कुमार सोनी की मानें तो इससे पहले शिक्षा बोर्ड ही नहीं समूचे प्रदेश में सरकारी विभाग महज अंग्रेजी और हिंदी में ही अपने दस्तावेजों और पत्रों को निकाला करते थे. मगर अब शिक्षा बोर्ड एकमात्र ऐसा सरकारी संस्थान बन गया है, जो पहली मर्तबा तीनों भाषाओं में अपने पत्रों को निकालेगा, इसके साथ ही डॉ. सोनी ने कहा कि शिक्षा बोर्ड प्रदेश के बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए भरसक प्रयास कर रहा है.
बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि अभी तक स्कूलों से संबंधित कोई कुलगीत नहीं था, जिस पर विचार किया गया कि स्कूलों से संबंधित कुलगीत बने. वर्तमान शिक्षा नीति, प्रदेश के सौंदर्य और इतिहास को लेकर कुलगीत का निर्माण किया जा रहा है, जो सभी स्कूलों में बजेगा. कुछ प्रार्थनाएं, पर्यावरण की रक्षा कैसे करें, पेड़ों का क्या महत्व है, सच बोलने की राह पर चलना चाहिए, हिमाचल वंदन मेरे हिमाचल, हिमाचल पर हमें गर्व है, इस पर भी एक प्रार्थना बनाई गई है.