धर्मशाला: सरकार ने शादियों में 50 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति दी है. इस वजह से विवाह से जुड़े कार्यक्रम में कारोबार करने वाले लोगों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. बात अगर हिमाचल की करे तो यहां पर शादी समारोह 2 से तीन दिन तक चलते हैं, जिससे कैटरिंग का काम करने वालों की चांदी ही चांदी होती थी, लेकिन कोरोना वायरस ने इनके कारोबार पर मानो ग्रहण लगा दिया है.
शादियों तो हो रही है, लेकिन न तो डीजे की आवाज है, न टेंट है और न ही रसोइयों का काम करने वाले लोग. धर्मशाला के कोतवाली के रहने वाले विनय थापा जोकि की टेंट का कारोबार करते हैं उनका कहना है कि 15 मार्च से आजतक काम मंदा पड़ा हुआ है. हालत ऐसी हो गई है कि घर का खर्च निकालना भी अब मुश्किल होता जा रहा है.
कोरोना काल में मुसीबतों का सामना सिर्फ कैटरिंग से जुड़े कारोबारियों को ही नहीं बल्कि पूजा-पाठ करने वाले पंडितों को भी करना पड़ रहा है. शादियों में पंडितों का काम करने वाले मनीष पुरोहित का कहना है कि मंदिर बंद पड़े हुए हैं. कोरोना काल में आज बहुत से शादी समारोह भी स्थगित कर दिए गए हैं, ऐसे में उन्हें उनकी आय का एकमात्र जरिया भी खत्म हो गया है.