धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसात के कारण भारी नुकसान हुआ है. खास कर बाढ़ के रौद्र रूप ने प्रदेश को खासा नुकसान पहुंचाया है. जिसके चलते अब प्रदेश सरकार खड्डों और नालों के चैनलाइजेशन को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि खड्डों और नालों के चैनलाइजेशन के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे, ताकि बरसात के कारण होने वाले नुकसान को कम किया जा सके.
घरों की रिटेनिंग वॉल के लिए प्रावधान:स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि अब विधायक क्षेत्र विकास निधि के तहत आपदा प्रभावित परिवारों को घरों के लिए रिटेनिंग वॉल और नालों के तटीकरण का प्रावधान किया गया है. इस निधि के तहत इस वितीय वर्ष में हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 2 करोड़ 10 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा सभी जिलों में एसडीपी के तहत अनस्पेंट राशि को आपदा प्रभावित घरों के लिए रिटेनिंग वॉल तथा नालों के तटीकरण के लिए खर्च करने की अनुमति दी जा रही है.
मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाकों में मदद:उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा में ग्रामीण क्षेत्रों में जिन संपत्तियों का नुकसान हुआ है. उनको मनरेगा के तहत मदद दी जाएगी. प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे सभी कार्यों की उपायुक्त एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा से प्राप्त स्वीकृति के बाद मनरेगा दिशा निर्देशों के अनुसार व्यक्तिगत लाभार्थी के लिए एक लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी.
क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाई: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जनता के लिए दिनरात काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर के लिए मिलने वाले 1 लाख 30 हजार रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है. हिमाचल में भारी बरसात के कारण 3500 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा कच्चे घर को आंशिक नुकसान पर प्रदत 4000 रुपये मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाकर 1 लाख रुपये, जबकि पक्के घर को आंशिक नुकसान पर मिलने वाली 6500 रुपये की धनराशि को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया गया है.