धर्मशाला: जिजिविषा अभियान के तहत मेधावी बेटियों को जिला प्रशासन की ओर से आईआईटी, जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की दो वर्ष की निशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके लिए जिलाभर की 26 मेधावी छात्राओं का चयन किया गया है.
यह सभी छात्राएं सरकारी शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित हैं. यह जानकारी उपायुक्त राकेश प्रजापति ने शनिवार को डीआरडीए सभागार में चयनित छात्राओं के साथ आयोजित इंटरेक्शन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' अभियान के तहत जिजिविषा कार्यक्रम के तहत बेटियों को निशुल्क कोचिंग देने का प्रावधान भी किया गया है. इसके लिए दो अगस्त 2020 को ऑनलाइन स्क्रीनिंग टेस्ट भी आयोजित किया था.
टेस्ट में जमा एक की मेडिकल संकाय से 13 और नॉन मेडिकल संकाय की 13 छात्राओं को सिलेक्ट किया गया है. उपायुक्त ने बताया कि इन मेधावी छात्राओं को वेब क्लासिज के माध्यम से कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है और नियमित तौर पर इनकी ऑनलाइन कक्षाएं लगाने का शेडयूल भी निर्धारित किया गया है, जिसमें बच्चों की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का आकलन भी समय समय पर किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इन मेधावी छात्राओं के मार्गदर्शन के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. उपायुक्त ने मेधावी छात्राओं का मागदर्शन करते हुए कहा कि बच्चों के करियर में दस जमा एक और जमा दो की पढ़ाई अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है. यहीं से उनके भविष्य का निर्माण भी सुनिश्चित होता है.
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला प्रशासन द्वारा मेधावी छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने की दृष्टि से ही यह निशुल्क कोचिंग कार्यक्रम आरंभ किया गया है. पहले चरण में 26 छात्राओं को कोचिंग दी जाएगी.