कांगड़ा:ऐतिहासिक शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 7 दिवसीय जिला स्तरीय घृत मंडल पर्व शुरू हो गया है. मकर संक्रांति की रात्रि मंदिर में स्थानीय प्रशासन द्वारा विशाल भगवती जागरण कराया गया. शनिवार देर रात को ही मंदिर के पुजारियों द्वारा लगभग 29 क्विंटल मक्खन से बज्रेश्वरी माता की पिंडी पर घृत मंडल सजाने का कार्य शुरू किया, जो रविवार तड़के 5 बजे तक चलता रहा. 7 दिनों के बाद मक्खन प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को बांट दिया जाएगा. (Shaktipeeth Shri Bajreshwari Devi Temple Kangra)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती के पिता दक्ष प्रजापति द्वारा किए यज्ञ में उन्हें न बुलाने पर उन्होंने अपना और भगवान शिव का अपमान समझा और उसी हवन कुंड में कूदकर प्राण त्याग दिए थे. इन घावों व जालंधर दैत्य से युद्ध के दौरान आए जख्मों को भरने के लिए माता के शरीर पर यह लेप लगाया जाता है. लेकिन इस दौरान माता सती की मृत्यु हो गई थी. तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगा रहे थे.