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जीएस बाली का जयराम सरकार पर हमला, स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग - जयराम सरकार पर हमला

कांग्रेस के सीनियर नेता जीएस बाली ने स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. जीएस बाली ने कहा कि इस मामले में ढील बरतकर सरकार अपनी कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है

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जीएस बाली, पूर्व मंत्री

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Published : Jun 7, 2020, 5:44 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 6:47 PM IST

कांगड़ा: स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले को लेकर पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अब कांग्रेस के सीनियर नेता जीएस बाली ने प्रदेश सरकार को घेरा है. रविवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जीएस बाली ने जयराम सरकार पर जमकर हमला बोला है.

कांग्रेस नेता ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक की गिरफ्तारी के बाद दूसरे व्यक्ति की गिरफ्तारी में जितना समय लग रहा है उससे जाहिर है कि किसी ना किसी तरह का दबाव जांच को दबाने के लिए बनाया जा रहा है. इस समय सरकार को पारदर्शिता अपनानी चाहिए थी.

वीडियो रिपोर्ट

पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि इस मामले में ढील बरतकर सरकार अपनी कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष भी इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन बीजेपी अब इस मामले को दबाने की कोशिश में लगी है.

जीएस बाली ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जो लोग इन घोटालों में संलिप्त हैं उन्हें पकड़ कर जेल भेजा जाए, जिससे सरकार की नीयत सामने आ सके. बाली ने कहा कि कोरोना के कारण कई लोग बेरोजगार हो चुके हैं. होटल से लेकर ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री खत्म हो चुकी है. ऐसे में सरकार को एक नीति बनानी चाहिए, जिसमें बेरोजगारों को भत्ता देने के साथ होटल कारोबारियों को राहत दी जाए.

कांग्रेस नेता ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि निचले हिमाचल की अनदेखी की जा रही है. फोरलेन का काम शिमला और मंडी में जारी है, लेकिन कांगड़ा में इस काम को अभी तक शुरू भी नहीं किया गया. इस दौरान कांग्रेस नेता प्रवासी मजदूरों का भी मुद्दा उठाया.

कांग्रेस नेता ने प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश में इस समय कई प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. प्रवासी मजदूर अपने घरों को जाना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन चुनिंदा लोगों को ही वापस भेज रहा है, जिसकी वह निंदा करते हैं.

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Last Updated : Jun 7, 2020, 6:47 PM IST

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