धर्मशाला: ओशो निसर्ग हिमालय ध्यान केंद्र धर्मशाला की संस्थापक और ओशो की निजी सचिव रहीं मां योग नीलम का लंबी बीमारी के बाद धर्मशाला में निधन हो गया. वह कुछ सालों से बीमार थीं. उनका जन्म 19 मार्च 1949 को हुआ था. वह पहली बार 1969 में लुधियाना में ओशो से मिली थीं और 1972 में संन्यास लिया. वह अक्सर पुणे में ओशो के आश्रम में आती थीं और रजनीशपुरम में चार साल रहीं. उन्होंने अपनी बेटी मां प्रिया से आखिरी शब्द में कहा कि अब यह सब आपके माध्यम से होना है. बस आत्मविश्वास रखें और उन्होंने अंतिम सांस ली.
ओशाे की निजी सचिव मां योग नीलम का निधन
मां योग नीलम ओशो के साथ नवंबर 1985 में भारत लौटीं. फिर उन्हें भारत में ओशाे की निजी सचिव के रूप में नियुक्त किया गया. ओशो ने उन्हें इनर सर्कल के सदस्य के रूप में भी नियुक्त किया था. 1990 में जब ओशो का निधन हुआ तो मां योग नीलम पुणे कम्यून में रहीं और ओशो के कामों को आगे बढ़ाती रहीं. 1996 से 1999 तक वह हर साल यूरोप के आठ विभिन्न देशों की यात्रा कर प्रमुख ध्यान कार्यक्रम में भाग लेती थीं.